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YouTube: बिना असली वीडियो डाले सालाना ₹38 करोड़ की कमाई! भारत का ये यूट्यूब चैनल बना सुपरहिट
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 31 Dec 2025 07:01 AM IST
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सार
Bandar Apna Dost YouTube Earnings: भारत का यूट्यूब चैनल बंदर अपना दोस्त आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। एआई वीडियो की मदद से यह चैनल सालाना करीब 38 करोड़ रुपये कमा रहा है। आइए जानते हैं इस चैनल के लिए यह कैसे संभव हो पाया।
यूट्यूब
- फोटो : AI
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विस्तार
क्या आपने कभी सोचा है कि बिना किसी महंगे कैमरा सेटअप या बड़ी स्क्रिप्ट के कोई करोड़ों रुपये कमा सकता है? भारत के यूट्यूब चैनल 'बंदर अपना दोस्त' (Bandar Apna Dost) ने इसे सच कर दिखाया है। वीडियो एडिटिंग प्लेटफॉर्म कपिंग (Kapwing) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह चैनल पूरी दुनिया में AI से वीडियो बनाने वाले चैनलों की लिस्ट में टॉप पर पहुंच गया है। रिपोर्ट बताती है कि यह चैनल हर साल करीब 4.25 मिलियन डॉलर यानी लगभग 38 करोड़ रुपये की भारी-भरकम कमाई (Bandar Apna Dost YouTube Earnings) कर रहा है।
आखिर इन वीडियो में ऐसा क्या है?
इस चैनल के वीडियो थोड़े अजीब लेकिन काफी रंगीन और मजेदार होते हैं। इनमें अक्सर एक एनिमेटेड बंदर और एक सुपरहीरो जैसा किरदार नजर आता है। खास बात यह है कि इन वीडियो में कोई गहरी कहानी या संदेश नहीं होता, बल्कि ये सिर्फ तेज एक्शन, मजेदार चेहरों और साधारण कॉमेडी पर आधारित होते हैं। इंटरनेट की भाषा में इसे AI स्लॉप (AI Slop) कहा जाता है, यानी ऐसा कंटेंट जिसे AI टूल्स की मदद से बहुत ही कम मेहनत और कम समय में तैयार किया जाता है।
अरबों व्यूज और कमाई का गणित
हैरानी की बात यह है कि जहां बड़े-बड़े क्रिएटर्स दिन-रात मेहनत करके वीडियो बनाते हैं, वहीं बंदर अपना दोस्त ने सिर्फ AI के दम पर 2 अरब से ज्यादा व्यूज बटोर लिए हैं। कपिंग की रिपोर्ट के लिए करीब 15,000 चैनलों की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि ऐसे 278 चैनल पूरी तरह से AI पर निर्भर हैं और इनके पास 22 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। हालांकि, यूट्यूब के मोनेटाइजेशन नियमों को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन ये चैनल लगातार बड़ी कमाई कर रहे हैं।
यूट्यूब क्यों प्रमोट कर रहा है ऐसा कंटेंट?
यूट्यूब का सिस्टम मुख्य रूप से इस बात पर काम करता है कि लोग किस वीडियो को सबसे ज्यादा देर तक और कितनी बार देख रहे हैं। बंदर अपना दोस्त जैसे चैनलों के वीडियो छोटे, चटकीले और आसान होते हैं, जिन्हें बच्चे और बड़े सभी बड़े चाव से देखते हैं। यही वजह है कि यूट्यूब इन्हें नए यूजर्स को बार-बार रिकमेंड करता है। शोध से पता चला है कि नए यूजर्स के फीड में अब इंसानी क्रिएटर्स के मुकाबले AI वीडियो ज्यादा दिखाई देने लगे हैं।
क्रिएटर्स के लिए बदलती दुनिया
इस चैनल की सफलता ने डिजिटल दुनिया में एक नई बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे स्मार्ट तकनीक मानते हैं जिससे बिना बड़े बजट के जल्दी तरक्की की जा सकती है, तो कुछ इसे रचनात्मकता और मौलिकता के लिए खतरा मान रहे हैं। सच जो भी हो, 'बंदर अपना दोस्त' ने यह साबित कर दिया है कि AI अब सिर्फ भविष्य की बात नहीं है, बल्कि यह आज के दौर में पैसा बनाने और लोगों का ध्यान खींचने का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है।
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आखिर इन वीडियो में ऐसा क्या है?
इस चैनल के वीडियो थोड़े अजीब लेकिन काफी रंगीन और मजेदार होते हैं। इनमें अक्सर एक एनिमेटेड बंदर और एक सुपरहीरो जैसा किरदार नजर आता है। खास बात यह है कि इन वीडियो में कोई गहरी कहानी या संदेश नहीं होता, बल्कि ये सिर्फ तेज एक्शन, मजेदार चेहरों और साधारण कॉमेडी पर आधारित होते हैं। इंटरनेट की भाषा में इसे AI स्लॉप (AI Slop) कहा जाता है, यानी ऐसा कंटेंट जिसे AI टूल्स की मदद से बहुत ही कम मेहनत और कम समय में तैयार किया जाता है।
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अरबों व्यूज और कमाई का गणित
हैरानी की बात यह है कि जहां बड़े-बड़े क्रिएटर्स दिन-रात मेहनत करके वीडियो बनाते हैं, वहीं बंदर अपना दोस्त ने सिर्फ AI के दम पर 2 अरब से ज्यादा व्यूज बटोर लिए हैं। कपिंग की रिपोर्ट के लिए करीब 15,000 चैनलों की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि ऐसे 278 चैनल पूरी तरह से AI पर निर्भर हैं और इनके पास 22 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। हालांकि, यूट्यूब के मोनेटाइजेशन नियमों को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन ये चैनल लगातार बड़ी कमाई कर रहे हैं।
यूट्यूब क्यों प्रमोट कर रहा है ऐसा कंटेंट?
यूट्यूब का सिस्टम मुख्य रूप से इस बात पर काम करता है कि लोग किस वीडियो को सबसे ज्यादा देर तक और कितनी बार देख रहे हैं। बंदर अपना दोस्त जैसे चैनलों के वीडियो छोटे, चटकीले और आसान होते हैं, जिन्हें बच्चे और बड़े सभी बड़े चाव से देखते हैं। यही वजह है कि यूट्यूब इन्हें नए यूजर्स को बार-बार रिकमेंड करता है। शोध से पता चला है कि नए यूजर्स के फीड में अब इंसानी क्रिएटर्स के मुकाबले AI वीडियो ज्यादा दिखाई देने लगे हैं।
क्रिएटर्स के लिए बदलती दुनिया
इस चैनल की सफलता ने डिजिटल दुनिया में एक नई बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे स्मार्ट तकनीक मानते हैं जिससे बिना बड़े बजट के जल्दी तरक्की की जा सकती है, तो कुछ इसे रचनात्मकता और मौलिकता के लिए खतरा मान रहे हैं। सच जो भी हो, 'बंदर अपना दोस्त' ने यह साबित कर दिया है कि AI अब सिर्फ भविष्य की बात नहीं है, बल्कि यह आज के दौर में पैसा बनाने और लोगों का ध्यान खींचने का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है।