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Messaging: व्हाट्सएप का गेम ओवर? नई मैसेजिंग सर्विस के लिए Airtel और Google ने मिलाया हाथ, जानिए क्या है RCS
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:46 PM IST
सार
Airtel ने Google के साथ मिलकर अपने नेटवर्क पर RCS यानी Rich Communication Services शुरू कर दी हैं। इस तकनीक की मदद से पुराने साधारण SMS अब स्मार्ट मैसेजिंग में बदल जाएंगे, जिसमें फोटो, वीडियो, रीड-रिसीट और डबल-टिक जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
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Airtel
- फोटो : FREEPIK
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विस्तार
भारत में डिजिटल कम्युनिकेशन को एक नई दिशा देने के लिए Airtel ने Google के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने अपने नेटवर्क पर Rich Communication Services यानी RCS को शुरू करने जा रही है। यह कदम पारंपरिक SMS के पुराने ढर्रे को तोड़ते हुए यूजर्स को WhatsApp जैसा चैटिंग अनुभव देगा। इससे लाखों Airtel यूजर्स के टेक्स्ट मैसेज करने का तरीका पूरी तरह बदलने की उम्मीद है।
क्या है RCS?
RCS को अगली पीढ़ी का मैसेजिंग प्रोटोकॉल माना जाता है, जो साधारण SMS की सीमाओं को खत्म कर देता है। जहां SMS केवल बेसिक टेक्स्ट भेजने की सुविधा देता था, वहीं RCS में यूजर्स हाई-रेजोल्यूशन फोटो-वीडियो, टाइपिंग इंडिकेटर, ग्रुप चैट, लोकेशन शेयरिंग और रीड रिसिप्ट जैसी आधुनिक सुविधाओं का इस्तेमाल कर पाएंगे। सबसे बड़ी बात है कि RCS मोबाइल डेटा और Wi-Fi दोनों पर काम कर सकता है, जिससे यूजर्स के लिए WhatsApp जैसे थर्ड पार्टी एप्स की जरूरत ही खत्म हो जाएगी।
यह भी पढ़ें: iPhone यूजर्स इस चेतावनी को न करें नजरअंदाज, Apple ने कहा इस ब्राउजर से बना लो दूरी
यूजर्स को क्या मिलेगा फायदा?
Airtel ने पुष्टि की है कि प्रत्येक RCS संदेश के लिए 0.11 रुपये चार्ज किया जाएगा, जिसमें से 80% राजस्व Airtel और 20% Google को मिलेगा। यह सेवा फाइल शेयरिंग, ग्रुप चैट, रीड रिसिप्ट और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का सपोर्ट देगी, जिससे यूजर्स को ज्यादा सुरक्षित मैसेजिंग अनुभव मिलेगा। जो लोग SMS को रोजमर्रा के कामों जैसे बैंकिंग, ऑफिस अपडेट या पर्सनल यूज के लिए इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या RCS WhatsApp को चुनौती दे सकता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि RCS सभी नेटवर्क पर इंटरऑपरेबल हो गया तो यह WhatsApp जैसी सेवाओं के लिए बड़ा चुनौती बन सकता है। Jio और Vodafone Idea पहले ही RCS सपोर्ट दे रहे हैं, और अब Airtel के जुड़ने से भारत यूनिफाइड मैसेजिंग की ओर बढ़ रहा है, जहां सभी यूजर्स एक ही मानक वाले स्मार्ट मैसेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें: फोन में हमेशा जीपीएस ऑन रहने के क्या हैं नुकसान? जानिए नए प्रस्ताव पर क्यों मचा है घमासान
भारत में RCS का भविष्य क्या होगा?
RCS का सबसे बड़ा लक्ष्य सभी टेलीकॉम कंपनियों के बीच पूरी तरह से कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। Airtel, Jio और Vodafone Idea पर RCS मैसेज एक-दूसरे को भेजे और प्राप्त किए जा सकेंगे। जीएसएमए (GSMA) मानक पर आधारित होने की वजह से यह पूरी तरह टेलीकॉम ऑपरेटरों के नियंत्रण में रहेगा, जिससे भविष्य में बेहतर प्राइवेसी, सुरक्षा, और एक समान अनुभव मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्टे्स के अनुसार, अनुमान है कि जब RCS पूरी तरह लागू हो जाएगा, तब यह भारत में डिफॉल्ट मैसेजिंग स्टैंडर्ड बन सकता है, जिससे लाखों यूजर्स को एक आधुनिक और सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म मिलेगा।
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क्या है RCS?
RCS को अगली पीढ़ी का मैसेजिंग प्रोटोकॉल माना जाता है, जो साधारण SMS की सीमाओं को खत्म कर देता है। जहां SMS केवल बेसिक टेक्स्ट भेजने की सुविधा देता था, वहीं RCS में यूजर्स हाई-रेजोल्यूशन फोटो-वीडियो, टाइपिंग इंडिकेटर, ग्रुप चैट, लोकेशन शेयरिंग और रीड रिसिप्ट जैसी आधुनिक सुविधाओं का इस्तेमाल कर पाएंगे। सबसे बड़ी बात है कि RCS मोबाइल डेटा और Wi-Fi दोनों पर काम कर सकता है, जिससे यूजर्स के लिए WhatsApp जैसे थर्ड पार्टी एप्स की जरूरत ही खत्म हो जाएगी।
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यूजर्स को क्या मिलेगा फायदा?
Airtel ने पुष्टि की है कि प्रत्येक RCS संदेश के लिए 0.11 रुपये चार्ज किया जाएगा, जिसमें से 80% राजस्व Airtel और 20% Google को मिलेगा। यह सेवा फाइल शेयरिंग, ग्रुप चैट, रीड रिसिप्ट और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का सपोर्ट देगी, जिससे यूजर्स को ज्यादा सुरक्षित मैसेजिंग अनुभव मिलेगा। जो लोग SMS को रोजमर्रा के कामों जैसे बैंकिंग, ऑफिस अपडेट या पर्सनल यूज के लिए इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या RCS WhatsApp को चुनौती दे सकता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि RCS सभी नेटवर्क पर इंटरऑपरेबल हो गया तो यह WhatsApp जैसी सेवाओं के लिए बड़ा चुनौती बन सकता है। Jio और Vodafone Idea पहले ही RCS सपोर्ट दे रहे हैं, और अब Airtel के जुड़ने से भारत यूनिफाइड मैसेजिंग की ओर बढ़ रहा है, जहां सभी यूजर्स एक ही मानक वाले स्मार्ट मैसेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
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भारत में RCS का भविष्य क्या होगा?
RCS का सबसे बड़ा लक्ष्य सभी टेलीकॉम कंपनियों के बीच पूरी तरह से कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। Airtel, Jio और Vodafone Idea पर RCS मैसेज एक-दूसरे को भेजे और प्राप्त किए जा सकेंगे। जीएसएमए (GSMA) मानक पर आधारित होने की वजह से यह पूरी तरह टेलीकॉम ऑपरेटरों के नियंत्रण में रहेगा, जिससे भविष्य में बेहतर प्राइवेसी, सुरक्षा, और एक समान अनुभव मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्टे्स के अनुसार, अनुमान है कि जब RCS पूरी तरह लागू हो जाएगा, तब यह भारत में डिफॉल्ट मैसेजिंग स्टैंडर्ड बन सकता है, जिससे लाखों यूजर्स को एक आधुनिक और सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म मिलेगा।