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Fitch Ratings: एआई संगीत से घट सकती है कलाकारों की रॉयल्टी, फिच रेटिंग्स ने जारी की चेतावनी

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Fri, 17 Oct 2025 07:04 PM IST
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सार

एआई के बढ़ते प्रभाव ने संगीत को भी अछूता नहीं छोड़ा है, अब आलम ये है कि मदद के लिए बनाया गया एआई अब कलाकारों के लिए खतरा बन गया है, वैश्विक क्रेडिट एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि ये कलाकारों के लिए खतरा साबित हो सकती है।

Fitch Ratings warns that AI music boom may hit artist royalties
फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट - फोटो : एक्स
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विस्तार
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए बने संगीत की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता आने वाले समय में कलाकारों की रॉयल्टी और उनकी आमदनी के लिए खतरा साबित हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे, ऐसा कह रही है वैश्विक क्रेडिट एजेंसी फिच रेटिंग्स की ताजा रिपोर्ट। चेतावनी दी गई है कि एआई-से बने संगीत का प्रसार पारंपरिक कलाकारों के जरिए बनाए गए संगीत की मांग को कमजोर कर सकता है और इससे संगीत इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) आधारित एसेट-बैक्ड सिक्योरिटीज (ABS) पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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एआई से बढ़ रहा है डिजिटल संगीत प्लेटफॉर्म्स पर दबाव

फिच के अनुसार, अब एआई टूल्स उपयोगकर्ताओं को बहुत कम समय में संगीत बनाने और उसे वैश्विक प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने की सुविधा दे रहे हैं। इससे स्पॉटिफाई, डीजर और अन्य डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स (DSPs) पर कंटेंट की बाढ़ आ गई है और कलाकारों के बीच सुनने वालों (लिस्नर्स) के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। यह स्थिति धीरे-धीरे रॉयल्टी भुगतान को कम कर सकती है, जो संगीत अधिकारों के मूल्यांकन और निवेश पर सीधा प्रभाव डाल सकती है।

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बड़ी कंपनियां मांग रहीं सख्त एआई नियंत्रण

फिच का कहना है कि प्रमुख संगीत उद्योग हितधारक अब सख्त एआई रेगुलेशन की मांग कर रहे हैं ताकि कॉपीराइट धारकों के हित सुरक्षित रहें। रिपोर्ट के अनुसार, "डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स लगातार बदलते तकनीकी वातावरण के अनुरूप खुद को ढाल रहे हैं और बड़े उद्योग खिलाड़ी कॉपीराइट संरक्षण के लिए सख्त एआई नियंत्रणों का समर्थन कर रहे हैं।”

स्पॉटिफाई और डीजर ने उठाए कदम

हालांकि पूरी तरह एआई-जनित ट्रैक्स अभी भी कुल स्ट्रीमिंग का छोटा हिस्सा हैं लेकिन कई प्लेटफॉर्म पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुके हैं। डीजर ने जनवरी 2025 से ही एआई संगीत को अपनी सिफारिशों और प्लेलिस्ट्स से बाहर कर दिया है। स्पॉटिफाई ने भी एआई ट्रैक्स की पहचान और नियंत्रण के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। अब प्लेटफॉर्म 'फर्जी कलाकारों', 'स्पैम कंटेंट' और 'डुप्लीकेट अपलोड्स' के खिलाफ नई फिल्टरिंग तकनीकें इस्तेमाल कर रहा है। फिच का कहना है कि ये कदम पारदर्शिता बढ़ाने, असली कलाकारों को प्राथमिकता देने और रॉयल्टी फ्लो की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।

एआई संगीत से कंपनियों को भी हो सकता है फायदा

रिपोर्ट यह भी कहती है कि कुछ डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स खुद एआई संगीत का निर्माण या स्वामित्व हासिल कर सकते हैं। ऐसा करने से उनकी कंटेंट लागत घटेगी और वे खुद रॉयल्टी के हकदार बन जाएंगे। हालांकि इससे असली कलाकारों की कमाई पर और दबाव बढ़ सकता है। फिच ने चेताया कि संगीत आईपी एबीएस की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए शैली (genre), भौगोलिक विविधता, कलाकार और रिलीज अवधि जैसे तत्वों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

इलेवन लैब्स और कोबॉल्ट संगीत का करार बना उदाहरण

हाल ही में इलेवन लैब्स और कोबॉल्ट संगीत के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है जिसमें कलाकारों को उनके कॉपीराइटेड संगीत का उपयोग एआई मॉडल को ट्रेन करने के बदले में भुगतान किया जाएगा। फिच के अनुसार, यह मॉडल भविष्य में कलाकारों के लिए नई और स्थायी आमदनी का रास्ता साबित हो सकता है, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ऐसी डील्स में रॉयल्टी का वितरण कैसे होगा।

फिच की सलाह: पारदर्शिता और नियंत्रण ही समाधान

फिच रेटिंग्स ने कहा कि एआई संगीत पर नियंत्रण, पारदर्शिता, और स्पष्ट लेबलिंग से कलाकारों की रॉयल्टी की सुरक्षा की जा सकती है। अगर प्लेटफॉर्म्स एआई ट्रैक्स को पहचानकर अलग करें, उन्हें सिफारिशों से हटाएं और मानव कलाकारों के संगीत को प्राथमिकता दें तो यह उद्योग में न्यायसंगत भुगतान और असली रचनाकारों की दृश्यता बढ़ाने में मदद करेगा। लेकिन यदि प्लेटफॉर्म खुद एआई संगीत बनाने और उसका स्वामित्व लेने लगें तो वे लागत घटाकर रॉयल्टी से भी लाभ कमा सकते हैं—जो असली कलाकारों के लिए एक नई चुनौती होगी।

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