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Google: गूगल का नया करिश्मा, लॉन्च किया 'डिस्को' ब्राउजर; आपके एक इशारे पर बना देगा पूरा एप, जानिए क्या है?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Sat, 13 Dec 2025 03:08 PM IST
सार

गूगल ने तकनीक की दुनिया में बड़ा धमाका करते हुए अपना नया एआई-पावर्ड ब्राउजर ‘डिस्को’ पेश किया है। जेमिनी 3 मॉडल पर आधारित यह ब्राउजर पारंपरिक ब्राउजिंग को पूरी तरह बदलने का दावा कर रहा है।

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Google Unveils ‘Disco’: An AI Browser That Can Build Complete Apps from a Single Prompt
गूगल डिस्को एआई ब्राउजर - फोटो : Google
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Google Disco AI Browser: टेक्नोलॉजी की दुनिया में गूगल ने एक बार फिर सबको चौंका दिया है। हम सब अब तक क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल वेबसाइट खोलने के लिए करते आए हैं। लेकिन गूगल की क्रोम टीम ने अब 'डिस्को (Disco)' नाम का एक नया और अनोखा एआई ब्राउजर पेश किया है। यह ब्राउजर गूगल के सबसे पावरफुल एआई मॉडल जेमिनी 3 पर काम करता है। कंपनी का कहना है कि यह मॉडर्न वेब सर्फिंग को पूरी तरह बदल कर रख देगा।

क्या है गूगल डिस्को?

गूगल 'डिस्को' पारंपरिक ब्राउजर (जैसे क्रोम, एपल सफारी) से बिल्कुल अलग है। यह सिर्फ आपको इंटरनेट पर जानकारी नहीं दिखाता, बल्कि यह आपके लिए असिस्टेंट के तौर पर काम भी करता है। 'GenTabs' नाम का फीचर इसका सबसे बड़ा हथियार है। आसान भाषा में समझें तो, जब आप इसमें कुछ सर्च करते हैं या प्रॉम्प्ट (Prompt) देते हैं। तो यह सिर्फ वेबसाइट के लिंक नहीं खोलता, बल्कि आपकी जरूरत के हिसाब से तुरंत एक 'कस्टम मिनी एप' बना देता है।

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कैसे काम करता है यह डिस्को ब्राउजर?

यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं कि यह कैसे आपके ब्राउजर अनुभव को आसान बना सकता है:

  • ट्रैवल प्लानिंग: मान लीजिए आप कश्मीर घूमने का प्लान बना रहे हैं। आप 'डिस्को' से टिप्स मांगते हैं। जवाब में यह आपको सिर्फ आर्टिकल्स नहीं दिखाएगा, बल्कि आपके लिए एक 'ट्रैवल प्लानर एप' जैसा इंटरफेस बना देगा। जिसमें दिन के हिसाब से प्लान, होटल और जगहें सेट होंगी। 
  • स्टूडेंट्स के लिए: अगर कोई छात्र किसी मुश्किल टॉपिक के बारे में पढ़ना चाहता है। तो जेनटैब्स उस जानकारी को विजुअल्स और ग्राफिक्स के साथ एक एप की तरह पेश करेगा, ताकि कॉन्सेप्ट आसानी से समझ आए।

चैटजीपीटी और जेमिनी से कैसे अलग है?

आपके मन में सवाल होगा कि ये काम तो एआई चैटबॉट्स भी कर लेते हैं। लेकिन गूगल 'डिस्को' को खास बनाता है इसका 'पर्सनलाइजेशन'। यह ब्राउजर आपकी पुरानी चैट हिस्ट्री और ब्राउजिंग डाटा का इस्तेमाल करके रिजल्ट्स को बिल्कुल आपके हिसाब से तैयार करता है। एक बार जब 'डिस्को' आपके लिए कोई 'एप' बना देता है, तो आप उसे सामान्य बातचीत की तरह बोलकर बदल भी सकते हैं। साथ ही, यह जानकारी कहां से ली गई है, उसका सोर्स लिंक भी देता है।

किसे मिलेगा यह ब्राउजर?

फिलहाल गूगल 'डिस्को' एक प्रायोगिक प्रोजेक्ट है। यह अभी केवल मैकओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इसे आजमाने के लिए आपको गूगल लैब्स की वेबसाइट पर जाकर वेटलिस्ट ज्वाइन करनी होगी। गूगल ने यह भी संकेत दिया है कि अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल रहा, तो भविष्य में इसके फीचर्स हमें गूगल के अन्य प्रोडक्ट्स में भी देखने को मिल सकते हैं।

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