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Google AI: अब Google Maps को सीधे कंट्रोल करेगा AI, गूगल ने डेवलपर्स का काम किया आसान, लॉन्च किया ये खास टूल
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Sun, 14 Dec 2025 06:22 PM IST
सार
गूगल ने अपने इकोसिस्टम को पूरी तरह AI-रेडी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने नए मैनेज्ड MCP सर्वर्स लॉन्च किए हैं, जिससे AI एजेंट्स अब बिना किसी जटिल कोडिंग के गूगल मैप्स और क्लाउड जैसी सेवाओं से सीधे जुड़ सकेंगे। इससे डेवलपर्स का घंटों का काम मिनटों में हो जाएगा।
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गूगल
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
गूगल अब सिर्फ एआई (AI) मॉडल बनाने तक ही सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि वह चाहता है कि एआई वास्तव में काम भी करे। अपने नए 'जेमिनी 3' मॉडल के लॉन्च के तुरंत बाद, गूगल ने डेवलपर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। कंपनी ने 'फुली मैनेज्ड MCP सर्वर्स' की शुरुआत की है। आसान भाषा में समझें तो, अब तक डेवलपर्स को किसी एआई एजेंट को गूगल मैप्स या क्लाउड से जोड़ने के लिए लंबी-चौड़ी कोडिंग करनी पड़ती थी, जो काफी मुश्किल और थकाऊ काम था। लेकिन गूगल के इस नए टूल ने इसे बेहद आसान बना दिया है।
गूगल ने डेवलपर्स का काम किया आसान
गूगल का कहना है कि उसने डेवलपर्स के लिए "प्लंबिंग" (बुनियादी ढांचे) का काम कर दिया है, ताकि उन्हें शुरुआत से मेहनत न करनी पड़े। पहले डेवलपर्स को अलग-अलग टूल्स जोड़ने के लिए 'कनेक्टर्स' बनाने पड़ते थे, जो अक्सर फेल हो जाते थे। लेकिन अब गूगल ने तैयार 'एंडपॉइंट्स' दे दिए हैं। डेवलपर्स को बस एक URL डालना है और उनका AI एजेंट गूगल की सेवाओं से बात करने लगेगा।
गूगल मैप्स और क्लाउड का ऐसे होगा इस्तेमाल
शुरुआत में यह सुविधा गूगल मैप्स, बिगक्वेरी, कंप्यूट इंजन और कुबेरनेट्स इंजन के लिए उपलब्ध है। इसका मतलब यह है कि अब एआई किसी पुरानी जानकारी पर निर्भर नहीं रहेगा। वह ट्रिप प्लानिंग या लोकेशन के लिए गूगल मैप्स से एकदम ताजा और सटीक (Live) डेटा उठा सकेगा। एक एनालिटिक्स एआई सीधे बिगक्वेरी से लाइव डेटा मांग सकेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर को मैनेज कर सकेगा।
क्या है MCP और यह क्यों खास है?
MCP का मतलब है मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल। इसे एंथ्रोपिक (Anthropic) कंपनी ने बनाया था और अब यह एआई को टूल्स से जोड़ने का एक ग्लोबल स्टैंडर्ड बन गया है। अच्छी बात यह है कि गूगल के ये सर्वर सिर्फ गूगल के एआई के साथ ही नहीं, बल्कि एंथ्रोपिक के 'क्लॉड' (Claude) और ओपनएआई के 'चैटजीपीटी' (ChatGPT) के साथ भी काम करेंगे।
गूगल ने कंपनियों के लिए सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा है। Apigee प्लेटफॉर्म के जरिए कंपनियां अपने पुराने सिस्टम को भी एआई के लायक बना सकेंगी। साथ ही, इसमें मॉडल आर्मर (Model Armor) जैसी सुरक्षा परतें जोड़ी गई हैं, ताकि एआई कोई गलत कमांड न ले या डेटा चोरी का खतरा न रहे।
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गूगल ने डेवलपर्स का काम किया आसान
गूगल का कहना है कि उसने डेवलपर्स के लिए "प्लंबिंग" (बुनियादी ढांचे) का काम कर दिया है, ताकि उन्हें शुरुआत से मेहनत न करनी पड़े। पहले डेवलपर्स को अलग-अलग टूल्स जोड़ने के लिए 'कनेक्टर्स' बनाने पड़ते थे, जो अक्सर फेल हो जाते थे। लेकिन अब गूगल ने तैयार 'एंडपॉइंट्स' दे दिए हैं। डेवलपर्स को बस एक URL डालना है और उनका AI एजेंट गूगल की सेवाओं से बात करने लगेगा।
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गूगल मैप्स और क्लाउड का ऐसे होगा इस्तेमाल
शुरुआत में यह सुविधा गूगल मैप्स, बिगक्वेरी, कंप्यूट इंजन और कुबेरनेट्स इंजन के लिए उपलब्ध है। इसका मतलब यह है कि अब एआई किसी पुरानी जानकारी पर निर्भर नहीं रहेगा। वह ट्रिप प्लानिंग या लोकेशन के लिए गूगल मैप्स से एकदम ताजा और सटीक (Live) डेटा उठा सकेगा। एक एनालिटिक्स एआई सीधे बिगक्वेरी से लाइव डेटा मांग सकेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर को मैनेज कर सकेगा।
क्या है MCP और यह क्यों खास है?
MCP का मतलब है मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल। इसे एंथ्रोपिक (Anthropic) कंपनी ने बनाया था और अब यह एआई को टूल्स से जोड़ने का एक ग्लोबल स्टैंडर्ड बन गया है। अच्छी बात यह है कि गूगल के ये सर्वर सिर्फ गूगल के एआई के साथ ही नहीं, बल्कि एंथ्रोपिक के 'क्लॉड' (Claude) और ओपनएआई के 'चैटजीपीटी' (ChatGPT) के साथ भी काम करेंगे।
गूगल ने कंपनियों के लिए सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा है। Apigee प्लेटफॉर्म के जरिए कंपनियां अपने पुराने सिस्टम को भी एआई के लायक बना सकेंगी। साथ ही, इसमें मॉडल आर्मर (Model Armor) जैसी सुरक्षा परतें जोड़ी गई हैं, ताकि एआई कोई गलत कमांड न ले या डेटा चोरी का खतरा न रहे।