Data Centre: भारत बनेगा डाटा का 'ग्लोबल पावरहाउस', 2030 तक 5 गुना बढ़ जाएगी क्लाउड क्षमता
सरकार ने संसद में बताया कि भारत आने वाले वर्षों में डाटा का ‘ग्लोबल पावरहाउस’ बनने की ओर बढ़ रहा है। देश की क्लाउड डाटा सेंटर क्षमता 2030 तक मौजूदा स्तर से 4-5 गुना बढ़ने का अनुमान है।
विस्तार
India Data Centre Growth: भारत में डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की रफ्तार अब थमने वाली नहीं है। संसद में सरकार के जरिए दी गई जानकारी के अनुसार देश में क्लाउड डाटा सेंटर की क्षमता 2030 तक मौजूदा स्तर से 4 से 5 गुना बढ़ने का अनुमान है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में बताया कि बैंकिंग, बिजली और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में डाटा की मांग तेजी से बढ़ रही है।
अभी क्या है स्थिति?
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारत की क्लाउड डाटा सेंटर क्षमता लगभग 1,280 मेगावाट तक पहुंच गई है। सरकार और निजी दोनों क्षेत्रों में एआई और क्लाउड सेवाओं को तेजी से अपनाया जा रहा है, जो इस विस्तार का मुख्य कारण है।
बड़ी टेक कंपनियों का भारत पर भरोसा
दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत के डाटा इकोसिस्टम में भारी निवेश कर रही हैं:
- गूगल: विशाखापत्तनम में अपना सबसे बड़ा निवेश करते हुए 15 अरब डॉलर का 'एआई हब' बनाने की घोषणा की है।
- अमेजन वेब सर्विसेज (AWS): अमेजन महाराष्ट्र में 8.3 अरब डॉलर की लागत से डाटा सेंटर स्थापित कर रहा है।
- मेघराज (MeghRaj): सरकार अपनी डिजिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए 'डिजिटल इंडिया' के तहत एक राष्ट्रीय क्लाउड बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है। सरकार ने 'GI Cloud' स्थापित किया है, जिसे 'मेघराज' के नाम से जाना जाता है। यह ई-गवर्नेंस सेवाओं की डिलीवरी के लिए सुरक्षित और स्केलेबल सुविधा प्रदान करता है। अब तक 2,170 मंत्रालयों और विभागों ने अपने क्लाउड-आधारित एप्लिकेशंस को 'मेघराज' पर होस्ट किया है।
सुरक्षा है प्राथमिकता
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) सरकारी विभागों को क्लाउड सेवाएं देता है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकारी डाटा को संभावित खतरों से बचाने के लिए 'लेयर्ड सिक्योरिटी फ्रेमवर्क' का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि देश का डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहे।