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NASA: चेन्नई के स्टूडेंट्स ने ढूंढ निकाला Starlink का तोड़, बिना टावर के चलाया इंटरनेट, नासा ने किया सम्मानित

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: जागृति Updated Mon, 22 Dec 2025 03:43 PM IST
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सार

NASA Space Apps Challenge 2025: चेन्नई की टीम फोटोनिक्स ओडिसी ने NASA के इंटरनेशनल स्पेस ऐप्स चैलेंज 2025 में सैटेलाइट इंटरनेट से जुड़े स्वदेशी आइडिया से जीत हासिल की है। इस तकनीक का उद्देश्य भारत के 70 करोड़ से ज्यादा लोगों तक सस्ता और तेज इंटरनेट पहुंचाना है।
 

Indian youth indigenous satellite internet idea wins NASA Space Apps Challenge 2025 even Elon Musk impressed
नासा इंटरनेशनल स्पेस ऐप्स चैलेंज - फोटो : x@NASA International Space Apps Challenge
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भारतीय युवाओं ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में शानदार जीत दर्ज की है। चेन्नई की टीम फोटोनिक्स ओडिसी ने नासा के International Space Apps Challenge 2025 में सैटेलाइट इंटरनेट से जुड़े एक स्वदेशी और इनोवेटिव आइडिया से एक दमदार प्रोजेक्ट तैयार किया। जिसका उद्देश्य देश के करोड़ों लोगों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है।

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NASA ने 17 दिसंबर 2025 को ग्लोबल हैकाथॉन के विजेताओं की घोषणा की। फोटोनिक्स ओडिसी की टीम को उनके सैटेलाइट इंटरनेट मॉडल के लिए Most Inspirational Award से सम्मानित किया । नासा का कहना है कि यह आइडिया दूर-दराज इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने की दिशा में बेहद प्रभावशाली है।
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यह भी पढ़े: Internet Users Ranking 2025: इंटरनेट इस्तेमाल में चीन-भारत टॉप पर, जानिए क्यों पीछे रह गए बाकी देश

700 मिलियन लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत के उन 700 मिलियन (70 करोड़) से ज्यादा लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है, जिनके पास अभी तक ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है। खासतौर पर ऐसे इलाके जहां केबल या फाइबर नेटवर्क पहुंचाना मुश्किल है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

नासा के अनुसार, उसके फ्लैगशिप इंटरनेश्नल स्पेस एप्स चैलेंज 2025 में 167 देशों और क्षेत्रों ने हिस्सा लिया और 550 से ज्यादा लोकर आयोजन हुए। इसमें एक लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया था। यह हैकाथॉन साल 2012 से आयोजित किया जा रहा है और इसका मकसद नासा के ओपन डेटा का इस्तेमाल कर असल दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढना है।

एलन मस्क भी हुए प्रभावित

भारतीय युवाओं के इस इनोवेशन ने सिर्फ नासा का ही नहीं, बल्कि Starlink के मालिक एलन मस्क का भी ध्यान आकर्षित किया। वो भी ऐसे समय में जब उनकी कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च करने की तैयारी में है। भारतीय टीम का ये आइडिया ग्लोबल लेवल पर चर्चा का विषय बना हुआ है। 

NASA के अनुसार, Most Inspirational Award जीतने वाली टीम में एमके, मनीष डी, प्रशांत जी, राजलिंगम एन, शक्तिआर, राशिएम शामिल हें। इन्होंने फोटोनिक्स ओडिसी के सैटेलाइट इंटरनेट मॉडल में फेस्ड ऐरे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। आपको बता दें इसमें कई छोटे एंटीना मिलकर काम करते हैं। ये एंटीना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सिग्नल की दिशा बदल सकते हैं। इससे सैटेलाइट सिग्नल बेहतर तरीके से सिग्नल की दिशा बदल देते हैं। इससे सैटेलाइट सिग्नल बेहतर तरीके से पकड़ता है और दूर-दराज इलाकों तक पहुंचता है

यह टेक्नोलॉजी उन इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद कर सकती है जहां आज भी डिजिटल सुविधाएं नहीं हैं। इससे शिक्षा तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी। साथ टेलीमेडिसिन और स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेगी। रोजगार और डिजिटल के अवसर प्राप्त होंगे। 

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