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AI: एआई की रेस में झोंका जा रहा अंधाधुंध पैसा, एक-दूसरे का टैलेंट हड़प रही कंपनियां, सीईओ का बड़ा खुलासा

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Fri, 26 Dec 2025 04:40 PM IST
सार

Microsoft AI के CEO मुस्तफा सुलेमान ने AI इंडस्ट्री को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि आने वाले 5 से 10 वर्षों में AI की दौड़ में टिके रहने के लिए कंपनियों को सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश करना पड़ सकता है।

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Microsoft ai ceo warns cost of staying in ai race meta openai google hunting for best talents
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस - फोटो : Freepik
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विस्तार
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बने रहना अब कंपनियों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। इसकी रेस में बने रहने के लिए कंपनियों को भारी-भरकम निवेश करना पड़ रहा है। Microsoft AI के CEO मुस्तफा सुलेमान ने साफ शब्दों में कहा है कि अगले 5 से 10 वर्षों में AI के फ्रंटियर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए कंपनियों को सैकड़ों अरब डॉलर खर्च करने पड़ सकते हैं।
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एआई बढ़ा रहा कंपनियों पर आर्थिक बोझ
एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान सुलेमान ने बताया कि यह लागत सिर्फ सर्वर या हार्डवेयर तक सीमित नहीं है। इसमें विशाल डेटा सेंटर्स, हाई-एंड एआई चिप्स, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेशलाइज्ड एआई टैलेंट की भारी कीमत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आज एआई रिसर्चर्स और टेक्निकल स्टाफ को दी जा रही मोटी सैलरी भी इस खर्च को और बढ़ा रही है।
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सुलेमान के मुताबिक, इतनी बड़ी पूंजी की जरूरत बड़े और स्थापित टेक दिग्गजों को साफ बढ़त देती है। उन्होंने कहा कि AI की जंग सिर्फ मशीनों की नहीं, बल्कि बेहतरीन इंसानी दिमागों की भी है, जहां टैलेंट को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है।

Microsoft को बताया मॉडर्न कंस्ट्रक्शन कंपनी
Microsoft की तुलना करते हुए सुलेमान ने उसे एक आधुनिक कंस्ट्रक्शन कंपनी बताया, जहां लाखों कर्मचारी गीगावॉट स्तर के सीपीयू और एआई एक्सेलेरेटर्स बनाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि इस स्केल पर काम करना केवल बड़ी कंपनियों के लिए ही संभव है, जिससे उन्हें स्ट्रक्चरल एडवांटेज मिलता है।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) - फोटो : Freepik
सुलेमान ने कहा कि उनका लक्ष्य Microsoft को फ्रंटियर AI मॉडल्स के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना और एक वर्ल्ड-क्लास सुपरइंटेलिजेंस टीम तैयार करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कंपनी न सिर्फ सबसे बेहतर, बल्कि सबसे सुरक्षित सुपरइंटेलिजेंस मॉडल बनाने की दिशा में काम कर रही है। हाल ही में उन्होंने ह्यूमनिस्ट सुपरइंटेलिजेंस बनाने की बात भी कही, जो इंसानी हितों के अनुरूप हो।

एआई टैलेंट को लेकर जंग तेज
एआई की इस रेस में Microsoft अकेली नहीं है। Meta, Google और OpenAI जैसी कंपनियां भी आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस यानी AGI की दौड़ में अरबों डॉलर झोंक रही हैं। Meta CEO मार्क जुकरबर्ग ने एआई सुपर इंटेलिजेंस लैब्स के लिए आक्रामक हायरिंग की है, जिसमें Scale AI के को-फाउंडर अलेक्जेंडर वांग को 14 अरब डॉलर के सौदे के तहत शामिल किया गया।

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OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन के मुताबिक, Meta ने OpenAI के कर्मचारियों को 100 मिलियन डॉलर तक के साइनिंग बोनस ऑफर किए। वहीं Google ने AI स्टार्टअप Windsurf के CEO वरुण मोहन को 2.4 अरब डॉलर के डील में DeepMind से जोड़ा है। Microsoft ने भी चुपचाप Google DeepMind से करीब दो दर्जन कर्मचारियों को हायर किया है।

डेटा सेंटर्स पर भी अरबों डॉलर का खर्च
AGI यानी मानव-स्तर की बुद्धिमत्ता वाले AI सिस्टम और सुपरइंटेलिजेंस की दौड़ में आगे रहने के लिए Microsoft, Meta, Google और Amazon जैसी कंपनियां बड़े पैमाने पर AI डेटा सेंटर्स और कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ा रही हैं। Meta सीईओ मार्क जुकरबर्ग पहले ही कह चुके हैं कि वह सुपरइंटेलिजेंस में पीछे रहने से बेहतर कुछ सौ अरब डॉलर ज्यादा खर्च करना पसंद करेंगे।
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