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AGI: एआई को कोसों पीछे छोड़ देगी नई इंटेलिजेंस तकनीक, अनुभव से सीखेंगी मशीनें और खुद लेंगी फैसले
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 17 Nov 2025 01:57 PM IST
सार
Microsoft CEO Satya Nadella On AGI: माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला मानते हैं कि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) दुनिया को बदल सकता है, जैसे औद्योगिक क्रांति ने किया था। लेकिन वे कहते हैं कि यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है। एक इंटरव्यू में उन्होंने एजीआई पर खुलकर बात की।
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AGI का आएगा दौर (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के बीच, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने द्वारकेश पटेल और सेमीएनालिसिस (SemiAnalysis) के संस्थापक डायलन पटेल के साथ एक इंटरव्यू में AGI के शुरुआती चरण में होने की बात स्वीकारते हुए इसके भविष्य को लेकर अपना उत्साह जाहिर किया।
नडेला का कहना है कि यह शायद औद्योगिक क्रांति के बाद की सबसे बड़ी चीज हो सकती है, और इसी उत्साह के साथ उन्होंने अपनी बात शुरू की। उनका मानना है कि हमने कुछ बहुत उपयोगी चीजें बनाई हैं और उन्हें उम्मीद है कि यह परिवर्तनकारी होगा।
यह भी पढ़ें: लाल किला ब्लास्ट में Threema एप का लिंक, जानिए स्विस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म भारत में क्यों है बैन?
AGI क्या है और क्यों है खास?
AGI (Artificial General Intelligence) ऐसी एआई है जो किसी भी बौद्धिक कार्य को इंसान की तरह समझ, सीख और पूरा कर सकती है। इसमें कॉमन सेंस, तर्कशक्ति और निर्णय लेने जैसी क्षमताएं होती हैं, जो इसे आम एआई से अलग बनाती हैं। वर्तमान AI सिर्फ खास कामों (जैसे भाषा, इमेज, कोडिंग) तक सीमित है, जबकि AGI हर तरह के कार्य करने की क्षमता रखती है। AGI समय के साथ खुद को बेहतर बनाती रहती है, ठीक उसी तरह जैसे इंसान अनुभव से सीखते हैं। एजीआई से उम्मीद की जा रही है कि इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और शोध जैसे क्षेत्रों में ऐसा बदलाव ला सकती है जो पूरी दुनिया का ढांचा बदल दे।
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नडेला का कहना है कि यह शायद औद्योगिक क्रांति के बाद की सबसे बड़ी चीज हो सकती है, और इसी उत्साह के साथ उन्होंने अपनी बात शुरू की। उनका मानना है कि हमने कुछ बहुत उपयोगी चीजें बनाई हैं और उन्हें उम्मीद है कि यह परिवर्तनकारी होगा।
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AGI क्या है और क्यों है खास?
AGI (Artificial General Intelligence) ऐसी एआई है जो किसी भी बौद्धिक कार्य को इंसान की तरह समझ, सीख और पूरा कर सकती है। इसमें कॉमन सेंस, तर्कशक्ति और निर्णय लेने जैसी क्षमताएं होती हैं, जो इसे आम एआई से अलग बनाती हैं। वर्तमान AI सिर्फ खास कामों (जैसे भाषा, इमेज, कोडिंग) तक सीमित है, जबकि AGI हर तरह के कार्य करने की क्षमता रखती है। AGI समय के साथ खुद को बेहतर बनाती रहती है, ठीक उसी तरह जैसे इंसान अनुभव से सीखते हैं। एजीआई से उम्मीद की जा रही है कि इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और शोध जैसे क्षेत्रों में ऐसा बदलाव ला सकती है जो पूरी दुनिया का ढांचा बदल दे।
AGI इंसानों के लिए होगी फायदेमंद
- फोटो : AI
AGI इंसानों के लिए कितना फायदेमंद होगी?
नडेला का मानना है कि असली सवाल AGI की इंसानों के लिए उपयोगिता पर है, यानी एजीआई इंसानों के लिए कौन-कौन से काम कर पाएगी। उन्होंने कहा कि अगर AGI को सही तरीके से विकसित किया गया, तो यह इंसानों की सोचने और काम करने की क्षमता बढ़ाने वाला एक शक्तिशाली टूल बन सकती है। वे मानते हैं कि कुछ लोग एआई को रहस्यमयी तरीके से देखते हैं, जैसे यह इंसानों के काम चुरा लेगी, लेकिन इतिहास में कई तकनीकें ऐसी ही रही हैं।
यह भी पढ़ें: चीन में कदम से कदम मिलाकर चले सैंकड़ों रोबोट, वीडियो देख सहम गए लोग, जानिए रोबो-आर्मी का सच
जब उनसे एजीआई के एक सामान्य विचार पर पूछा गया, जैसे एक मॉडल जो हर काम कर सके, तो नडेला कहते हैं कि अगर एक ही मॉडल हर जगह इस्तेमाल हो, सारा डेटा ले और लगातार सीखे, तो यह सब कुछ बदल देगा। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा। वे उदाहरण देते हैं कि कोडिंग में भी कई मॉडल हैं और हर दिन यह बढ़ता जा रहा है। कोई एक मॉडल हर जगह इस्तेमाल नहीं हो रहा।
अलग-अलग काम के लिए बनेंगे अलग AGI मॉडल
नडेला मानते हैं कि हर डोमेन, हर जियोग्राफी और उपयोग के आधार पर AGI की सीमाएं होंगी, इसलिए एक मॉडल का सब पर हावी होना लगभग नामुमकिन है। इस वजह से अलग-अलग तरह के काम को करने में माहिर अलग-अलग AGI मॉडल विकसित होंगे और एक इकोसिस्टम बनाएंगे, जिससे सिर्फ एक मॉडल पर निर्भरता कभी कायम नहीं होगी। उदाहरण के तौर पर, शिक्षा के क्षेत्र में विकसित एजीआई, हेल्थ रिसर्च या डिफेंस के लिए विसकित किए गए एजीआई मॉडल से अलग होगा।
नडेला का मानना है कि असली सवाल AGI की इंसानों के लिए उपयोगिता पर है, यानी एजीआई इंसानों के लिए कौन-कौन से काम कर पाएगी। उन्होंने कहा कि अगर AGI को सही तरीके से विकसित किया गया, तो यह इंसानों की सोचने और काम करने की क्षमता बढ़ाने वाला एक शक्तिशाली टूल बन सकती है। वे मानते हैं कि कुछ लोग एआई को रहस्यमयी तरीके से देखते हैं, जैसे यह इंसानों के काम चुरा लेगी, लेकिन इतिहास में कई तकनीकें ऐसी ही रही हैं।
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जब उनसे एजीआई के एक सामान्य विचार पर पूछा गया, जैसे एक मॉडल जो हर काम कर सके, तो नडेला कहते हैं कि अगर एक ही मॉडल हर जगह इस्तेमाल हो, सारा डेटा ले और लगातार सीखे, तो यह सब कुछ बदल देगा। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा। वे उदाहरण देते हैं कि कोडिंग में भी कई मॉडल हैं और हर दिन यह बढ़ता जा रहा है। कोई एक मॉडल हर जगह इस्तेमाल नहीं हो रहा।
अलग-अलग काम के लिए बनेंगे अलग AGI मॉडल
नडेला मानते हैं कि हर डोमेन, हर जियोग्राफी और उपयोग के आधार पर AGI की सीमाएं होंगी, इसलिए एक मॉडल का सब पर हावी होना लगभग नामुमकिन है। इस वजह से अलग-अलग तरह के काम को करने में माहिर अलग-अलग AGI मॉडल विकसित होंगे और एक इकोसिस्टम बनाएंगे, जिससे सिर्फ एक मॉडल पर निर्भरता कभी कायम नहीं होगी। उदाहरण के तौर पर, शिक्षा के क्षेत्र में विकसित एजीआई, हेल्थ रिसर्च या डिफेंस के लिए विसकित किए गए एजीआई मॉडल से अलग होगा।