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Microsoft: अब एआई पकड़ेगा साइबर अपराधी! माइक्रोसॉफ्ट ने महाराष्ट्र के 1,100 थानों में लॉन्च किया 'MahaCrimeOS'

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Sat, 13 Dec 2025 01:08 PM IST
सार

महाराष्ट्र पुलिस को साइबर अपराधों से निपटने के लिए अब एक अत्याधुनिक एआई-पावर्ड सिस्टम ‘MahaCrimeOS’ मिल गया है। इसे माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला ने राज्य के 1,100 थानों में लॉन्च किया।

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Satya Nadella Launches Microsoft’s ‘MahaCrimeOS’ Across 1,100 Police Stations in Maharashtra
माइक्रोसॉफ्ट (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Adobe Stock
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Microsoft AI for Police: साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में महाराष्ट्र पुलिस को एक बहुत बड़ा हथियार मिल गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने महाराष्ट्र के सभी 1,100 पुलिस स्टेशनों के लिए एक अत्याधुनिक एआई-पावर्ड प्लेटफॉर्म 'MahaCrimeOS' लॉन्च किया है। नागपुर में हुए सफल ट्रायल (Pilot Project) के बाद अब इस सिस्टम को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। यह तकनीक पुलिस की जांच की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देगी।

क्या है MahaCrimeOS?

'MahaCrimeOS AI' एक विशेष जांच प्लेटफॉर्म है। इसे महाराष्ट्र सरकार की 'MARVEL' पहल और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर विकसित किया है। यह पुलिस अधिकारियों के लिए एक 'को-पायलट' (सहायक) की तरह काम करता है। यह सिस्टम 'माइक्रोसॉफ्ट एज्योर ओपनएआई सर्विस' पर चलता है और इसे भारतीय पुलिसिंग की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है।

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पुलिस को कैसे मिलेगी मदद? 

बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों को सुलझाने में यह एआई सिस्टम पुलिस की ऐसे मदद करेगा:
बहुभाषी सपोर्ट (Multilingual): यह सिस्टम अलग-अलग भाषाओं में डाटा को समझ और प्रोसेस कर सकता है, जिससे भाषा की बाधा दूर होगी।
कानूनी मदद: केस दर्ज करते समय यह सिस्टम पुलिस को तुरंत प्रासंगिक भारतीय कानूनों और धाराओं की जानकारी देगा।
ऑटोमेटेड वर्कफ्लो: बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस भेजना, सबूतों का विश्लेषण करना और केस फाइल तैयार करना। ये सब काम अब मिनटों में होंगे, जिनमें पहले घंटों लगते थे।

तेज प्रतिक्रिया: इससे प्रशासनिक देरी कम होगी और पुलिस अपराधी तक जल्दी पहुंच सकेगी।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

आंकड़े बताते हैं कि भारत में 2024 में 36 लाख से ज्यादा साइबर क्राइम की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें इन्वेस्टमेंट स्कैम और आइडेंटिटी फ्रॉड सबसे ज्यादा थे। महाराष्ट्र इन मामलों में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे राज्य के लिए एक 'मील का पत्थर' बताया है। उन्होंने कहा कि यह शुरुआत साइबर क्राइम से हुई है। लेकिन भविष्य में इसे प्रशासन के दूसरे विभागों में भी लागू किया जा सकता है।

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