Apple: एपल-मैसिमो विवाद फिर बना सुर्खियों का केंद्र, यूएस ट्रेड ट्रिब्यूनल का इंपोर्ट बैन पर विचार
ITC ने कहा कि वो एपल के नए डिजाइन किए गए घड़ियों की फिर से जांच करेगा और फिर इस निष्कर्ष पर पहुंचेगा कि कंपनी की स्मार्टवॉच इंपोर्ट पर बैन लगना चाहिए या नहीं। ये मामला मैसिमो नाम की मेडिकल टेक कंपनी के पेटेंट विवाद के साथ जुड़ा है।
विस्तार
यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (ITC) ने शुक्रवार को कहा कि वो फिर से जांच करेगा कि एपल के नए डिजाइन किए गए घड़ियों पर इंपोर्ट बैन लगना चाहिए या नहीं। ये मामला मैसिमो नाम की मेडिकल टेक कंपनी के पेटेंट विवाद के साथ जुड़ा है।
क्या है विवाद?
मैसिमो का कहना है कि एपल ने उसके ब्लड-ऑक्सीजन मेजरमेंट टेक्नोलॉजी वाले पेटेंट का उल्लंघन किया है। ITC देखेगा कि एपल ने जिन घड़ियों को पुराने बैन से बचने के लिए री-डिजाइन किया था, क्या वो अब भी मैसिमो के पेटेंट का उल्लंघन कर रहे हैं।
एपल का का कहना है?
एपल का कहना है कि इस मामले में कोई दम नहीं है और मैसिमो ने खुद एपल के डिजाइन कॉपी किए हैं।
दोनों कंपनियों के बीच लड़ाई का इतिहास
2023 में ITC ने एपल की सीरीज 9 और अल्ट्रा 2 घड़ियों पर बैन लगाया था। एपल ने तब ब्लड-ऑक्सीजन फीचर हटा दिया था, लेकिन अगस्त में फिर से अपडेटेड फीचर लाया, जिसे यूएस कस्टम्स ने मंजूरी दी। मैसिमो ने कस्टम्स पर केस किया और एपल ने ITC के बैन को फेडरल कोर्ट में चैलेंज किया।
कानूनी लड़ाई
मैसिमो ने एपल पर पेटेंट और ट्रेड सीक्रेट चोरी का केस किया। ज्यूरी ने तय किया कि एपल को मैसिमो को $634 मिलियन डैमेज देना होगा। ट्रेड सीक्रेट केस में 2023 में मिस्ट्रायल हुआ। एपल ने भी मैसिमो पर केस किया था, लेकिन सिर्फ $250 का मामूली फैसला मिला।