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मोबाइल फोन में गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं: IMEI नंबर से छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध, तीन साल की कैद-जुर्माना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Mon, 17 Nov 2025 10:02 PM IST
सार

मोबाइल फोन के 15-अंकों वाले इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी यानी आईएमआईई नंबर सहित अन्य दूरसंचार पहचानों से छेड़छाड़ अब गंभीर अपराध माना जाएगा। दूरसंचार विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। 
 

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Tampering with mobile IMEI non-bailable offence, attracts 3-yr imprisonment, Rs 50 lakh penalty
फोन। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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दूरसंचार विभाग ने सोमवार को कहा कि मोबाइल फोन के 15 अंकों वाले आईएमईआई  नंबर से छेड़छाड़ गैर-जमानती अपराध है। इसके लिए तीन साल तक की कैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने सभी विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों और विक्रेताओं को जारी एक परामर्श में उनसे निर्धारित कानूनी ढांचे का पूरी तरह से पालन करने को कहा। यह सख्त कार्रवाई दूरसंचार अधिनियम 2023 और टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम 2024 के तहत की जाएगी।

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विभाग की ओर से कहा गया है कि दूरसंचार अधिनियम, 2023, आईएमईआई नंबर सहित दूरसंचार पहचान से जुड़ी चीजों से छेड़छाड़ करने पर कठोर दंड का प्रावधान करता है। उल्लंघन करने पर तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। दूरसंचार पहचान या अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) से छेड़छाड़ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराधियों पर नजर रखना चुनौतीपूर्ण बना देती है।
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दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत, मोबाइल हैंडसेट, मॉडेम, मॉड्यूल, सिम बॉक्स आदि जैसे किसी भी रेडियो उपकरण को जानबूझकर अपने पास रखना, यह जानते हुए भी कि उसमें अनधिकृत या छेड़छाड़ किए गए दूरसंचार पहचान से जुड़ी चीजों का उपयोग हुआ है, एक अपराध है। ये अपराध अधिनियम की धारा 42(7) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। धारा 42(6) ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने वालों के लिए समान दंड का प्रावधान करती है।

दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 किसी भी व्यक्ति को विशिष्ट दूरसंचार उपकरण पहचान संख्या को जानबूझकर हटाने, मिटाने, बदलने या संशोधित करने या दूरसंचार पहचानकर्ता या दूरसंचार उपकरण से संबंधित हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर का उपयोग, उत्पादन, यातायात, नियंत्रण या अभिरक्षा रखने या उसे अपने पास रखने से रोकता है।

विभाग की ओर से कहा गया है कि ऐसे उपकरणों का उपयोग करना जिनमें प्रोग्राम करने योग्य आईएमईआई की क्षमता हो, आईएमईआई से छेड़छाड़ के समान है और अधिनियम तथा दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के अनुसार कानूनी प्रावधानों के अधीन होगा। विनिर्माताओं, ब्रांड मालिकों, आयातकों, विक्रेताओं, पुनर्विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं को पता होना चाहिए कि छेड़छाड़ किए गए या ‘कॉन्फिगर’ करने योग्य आईएमईआई नंबर वाले उपकरणों का विनिर्माण, खरीद, संयोजन या उपयोग करने के गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

दूरसंचार विभाग कहा कि दूरसंचार साइबर सुरक्षा बनाए रखने, फर्जीवाड़ा रोकने, वैधानिक प्रवर्तन सुगमता और उचित कर संग्रह सुनिश्चित करने के लिए ये नियम आवश्यक हैं। इन नियमों का सख्त अनुपालन भारत के दूरसंचार ढांचे को नकली और छेड़छाड़ किए गए उपकरणों से सुरक्षित रखता है, वैधानिक प्रवर्तन को सहयोग प्रदान करता है तथा कर एवं नियामक अनुपालन सुनिश्चित करता है। इन नियमों के उल्लंघन पर कठोर कानूनी दंड का प्रावधान किया गया है।

आईएमईआई डेटाबेस की मदद से इनकी जांच करनी होगी
बता दें कि सरकार छेड़छाड़ किए गए या काली सूची में डाले गए आईएमईआई का एक केंद्रीय डेटाबेस रखती है। सरकार की ओर से कहा गया है कि पुराने मोबाइल उपकरणों की खरीद या बिक्री करने वाली संस्थाओं को पैसे के लेन-देन से पहले राष्ट्रीय आईएमईआई डेटाबेस की मदद से इनकी जांच करनी होगी और प्रत्येक आईएमईआई सत्यापन के लिए एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होगा। अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) नंबर वाले स्मार्टफोन, सेलुलर युक्त स्मार्टवॉच, मोबाइल वाई-फाई हॉटस्पॉट, टैबलेट, यूएसबी मॉडम, मॉड्यूल, डोंगल, लैपटॉप, सिम बॉक्स जैसे सभी असेंबल किए गए सभी उपकरणों को डिवाइस सेतु - आईसीडीआर पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा।
 

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