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Phone Hack: फोन बंद, लेकिन अंदर से चालू, कैसे फैल रहा है ‘फर्जी स्मार्टफोन शटडाउन’ स्कैम? सुनकर हो जाएंगे दंग
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जागृति
Updated Tue, 09 Dec 2025 06:55 PM IST
सार
Smartphone Shutdown Fraud: देशभर में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां लोगों के स्मार्टफोन तो बंद थे, फिर भी उनका डेटा चोरी हो गया। यह एक नया साइबर स्कैम है। जिसे स्मार्टफोन शटडाउन फ्रॉड कहा जाता है। जानें इस स्क्रैम और इससे बचने के बारें में...
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : freepik
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विस्तार
आपने अपना स्मार्टफोन भले ही बंद कर दिया हो, लेकिन फिर भी वह किसी को आपकी लोकेशन, मैसेज या डेटा भेज सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह संभव है। साइबर अपराधियों ने अब एक ऐसा तरीका खोज निकाला है, जिसमें फोन बंद होने के बाद भी डेटा भेजता रहता है। इसे ‘फेक शटडाउन स्मार्टफोन स्कैम’ कहा जा रहा है।
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ज्यादातर केसों में मैलवेयर फेक डिलीवरी मैसेज, कूरियर लिंक, लोन एप या क्विक मनी एप्लिकेशन के माध्यम से फोन घुस जाता है। कभी-कभी बैंक फॉर्म या एपीके फाइल या थर्ड पार्टी एप स्टोर से डाउनलोड करने से भी। एक बार मैलवेयर इंस्टॉल होने पर सिस्टम-लेवल परमिशन मांगता है। यदि यूजर गलती से परमिशन दे देता है तो वह असली शटडाउन को ओवरराइड कर सकता है।
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कैसे होता है ये स्कैम ?
मॉडर्न स्मार्टफोन में शटडाउन होने पर भी कुछ सिस्टम लो-पावर मोड में चलते रहते हैं, जैसे नेटवर्क मॉड्यूल, सिक्योरिटी लाइन और सिग्नल प्रोसेसर। यही सिस्टम अपराधियों के लिए मौका बन जाता है। फ्रॉडर्स एक ऐसा मैलवेयर स्मार्टफोन में इंस्टॉल कर देते हैं, जो फोन बंद होने की नकली स्क्रीन दिखाता है। ये स्क्रीन ब्लैक कर देता है और फोन डेड दिखने लगता है, लेकिन असल में लोकेशन ऑन रहती है। इसका माइक्रोफोन एक्टिव रहता है और कैमरा इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे WhatsApp या कॉल डेटा चोरी होता रहता है।
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फोन में मैलवेयर कैसे जाता है?
ज्यादातर केसों में मैलवेयर फेक डिलीवरी मैसेज, कूरियर लिंक, लोन एप या क्विक मनी एप्लिकेशन के माध्यम से फोन घुस जाता है। कभी-कभी बैंक फॉर्म या एपीके फाइल या थर्ड पार्टी एप स्टोर से डाउनलोड करने से भी। एक बार मैलवेयर इंस्टॉल होने पर सिस्टम-लेवल परमिशन मांगता है। यदि यूजर गलती से परमिशन दे देता है तो वह असली शटडाउन को ओवरराइड कर सकता है।
ताजा मामले क्या हैं?
हाल में आए केसों में देखा गया कि पीड़ितों का फोन बंद है, लेकिन मोबाइल टावर से सिग्नल भेज रहे थे।फॉरेंसिक टीमों ने लॉग्स में पाया कि SDK लेवल पर बैठा मैलवेयर रेडियो मॉड्यूल को एक्टिव रख रहा था। इस तरह अपराधियों को पीड़ितों की हर मूवमेंट और लोकेशन पर नजर रखने में आसानी हो रही थी।ये भी पढ़े: iPhone Tips: बंद आईफोन भी हो सकता है ट्रैक, नहीं जानते ये जबरदस्त ट्रिक तो यहां जानें