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Tech Tips: ब्राउजिंग के दौरान Cookies को एक्सेप्ट करें या रिजेक्ट? जानिए फायदे की बात
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 29 Sep 2025 03:55 PM IST
सार
इंटरनेट पर “Accept all cookies” या “Reject all cookies” का पॉप-अप अक्सर दिखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन विकल्पों का आपकी प्राइवेसी और ब्राउज़िंग एक्सपीरियंस पर असर पड़ता है? जानिए कब Cookies को हां कहें और कब ना।
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क्या होती हैं वेब कुकीज?
- फोटो : AI
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विस्तार
आज के डिजिटल युग में इंटरनेट पर हर कदम पर आपकी जानकारी ट्रैक होती है। ऐसे में कुकीज (Cookies) आपकी ब्राउज़िंग अनुभव और प्राइवेसी दोनों में अहम भूमिका निभाती हैं। ब्राउजिंग करते समय कई बेबसाइट पर कुकीज ऑप्शन बार-बार दिखते हैं जिससे लोग परेशान हो जाते हैं और ज्यादातर लोग बिना कॉशन पढ़े “Accept All” कुकीज पर क्लिक कर देते हैं। तो आइए जानते हैं कुकीज क्या होते हैं और इसका क्या मकसद होता है।
कुकीज होती क्या हैं?
कुकीज छोटी फाइलें होती हैं जो वेबसाइट आपके फोन या कंप्यूटर में सेव करती है। ये याद रखती हैं कि आप वेबसाइट पर क्या कर रहे थे, जैसे लॉगिन की जानकारी, शॉपिंग कार्ट की चीजें या पसंदीदा भाषा। कुकीज वेबसाइट पर आपका एक्सपीरियंस बेहतर बनाती हैं, साथ ही विज्ञापनदाताओं को आपकी एक्टिविटी ट्रैक करने में मदद करती हैं। इससे आपको इंटरनेट पर बार-बार कुछ चीजों की सेटिंग्स को सिलेक्ट नहीं करना पड़ता जिससे आपका एक्सपीरियंस बेहतर होता है। वहीं, कंपनियों को पता चलता है कि आप इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं जिसकी मदद से आपको टार्गेटेड विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
कई तरह की होती हैं कुकीज
ब्राउजर पर कई तरह की कुकीज होती हैं। पहली हैं जरूरी कुकीज, जिनके बिना वेबसाइट काम ही नहीं करती। दूसरी हैं सेटिंग वाली कुकीज और ये आपकी भाषा और जगह जैसी जानकारी को याद रखती हैं। तीसरी हैं डेटा जमा करने वाली कुकीज, जो देखती हैं कि आप साइट पर क्या करते हैं। चौथी होती हैं विज्ञापन वाली कुकीज और ये आपको फॉलो करके आपकी पसंद के हिसाब से एड दिखाती हैं।
कुकीज एक्सेप्ट करें या रिजेक्ट?
“Accept all cookies” क्लिक करने पर आपको वेबसाइट बेहतर अनुभव देती है। आपकी सेटिंग्स याद रहती हैं और हर बार रीसेट करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन इसका नकारात्मक पहलू यह है कि कंपनियां आपकी गतिविधियों को ट्रैक करती हैं।
दूसरी ओर, “Reject all cookies” पर क्लिक करने से आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहती है, लेकिन साइट का अनुभव सीमित हो जाता है। 2018 से यूरोप के नए नियमों की वजह से हर वेबसाइट पर ये पॉप-अप दिखाई देते हैं। कुछ ऐसी कुकीज होती हैं जिन्हें आप रिजेक्ट नहीं कर सकते, लेकिन ऐसी कुकीज कुछ जरूरी सेटिंग्स को कस्टमाइज और सेव करने का ऑप्शन देती हैं।
प्राइवेसी और सुविधा में संतुलन
कुकीज को एक्सेप्ट करना पूरी तरह बुरा नहीं हैं। समझदारी से निर्णय लेने पर यह बहुत फायदेमंद होती हैं। हालांकि, आपको सिर्फ जरूरी कुकीज को एक्सेप्ट करना चाहिए, बाकी को रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर आप नहीं चाहते कि वेबसाइट आपकी किसी भी जानकारी को से करे तो आप कुकीज को पूरी तरह रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर रिजेक्ट करने का ऑप्शन नहीं दिया जाता है तो आप उस वेबसाइट का उपयोग न करें। इस तरह, आप इंटरनेट का फायदा लेते हुए अपनी प्राइवेसी भी मेंटेन कर सकते हैं।
कुकीज होती क्या हैं?
कुकीज छोटी फाइलें होती हैं जो वेबसाइट आपके फोन या कंप्यूटर में सेव करती है। ये याद रखती हैं कि आप वेबसाइट पर क्या कर रहे थे, जैसे लॉगिन की जानकारी, शॉपिंग कार्ट की चीजें या पसंदीदा भाषा। कुकीज वेबसाइट पर आपका एक्सपीरियंस बेहतर बनाती हैं, साथ ही विज्ञापनदाताओं को आपकी एक्टिविटी ट्रैक करने में मदद करती हैं। इससे आपको इंटरनेट पर बार-बार कुछ चीजों की सेटिंग्स को सिलेक्ट नहीं करना पड़ता जिससे आपका एक्सपीरियंस बेहतर होता है। वहीं, कंपनियों को पता चलता है कि आप इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं जिसकी मदद से आपको टार्गेटेड विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
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कई तरह की होती हैं कुकीज
ब्राउजर पर कई तरह की कुकीज होती हैं। पहली हैं जरूरी कुकीज, जिनके बिना वेबसाइट काम ही नहीं करती। दूसरी हैं सेटिंग वाली कुकीज और ये आपकी भाषा और जगह जैसी जानकारी को याद रखती हैं। तीसरी हैं डेटा जमा करने वाली कुकीज, जो देखती हैं कि आप साइट पर क्या करते हैं। चौथी होती हैं विज्ञापन वाली कुकीज और ये आपको फॉलो करके आपकी पसंद के हिसाब से एड दिखाती हैं।
कुकीज एक्सेप्ट करें या रिजेक्ट?
“Accept all cookies” क्लिक करने पर आपको वेबसाइट बेहतर अनुभव देती है। आपकी सेटिंग्स याद रहती हैं और हर बार रीसेट करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन इसका नकारात्मक पहलू यह है कि कंपनियां आपकी गतिविधियों को ट्रैक करती हैं।
दूसरी ओर, “Reject all cookies” पर क्लिक करने से आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहती है, लेकिन साइट का अनुभव सीमित हो जाता है। 2018 से यूरोप के नए नियमों की वजह से हर वेबसाइट पर ये पॉप-अप दिखाई देते हैं। कुछ ऐसी कुकीज होती हैं जिन्हें आप रिजेक्ट नहीं कर सकते, लेकिन ऐसी कुकीज कुछ जरूरी सेटिंग्स को कस्टमाइज और सेव करने का ऑप्शन देती हैं।
प्राइवेसी और सुविधा में संतुलन
कुकीज को एक्सेप्ट करना पूरी तरह बुरा नहीं हैं। समझदारी से निर्णय लेने पर यह बहुत फायदेमंद होती हैं। हालांकि, आपको सिर्फ जरूरी कुकीज को एक्सेप्ट करना चाहिए, बाकी को रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर आप नहीं चाहते कि वेबसाइट आपकी किसी भी जानकारी को से करे तो आप कुकीज को पूरी तरह रिजेक्ट कर सकते हैं। अगर रिजेक्ट करने का ऑप्शन नहीं दिया जाता है तो आप उस वेबसाइट का उपयोग न करें। इस तरह, आप इंटरनेट का फायदा लेते हुए अपनी प्राइवेसी भी मेंटेन कर सकते हैं।