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Ayodhya News: राम जन्मभूमि परिसर में बन रहा तीन किमी. लंबा गलियारा
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Thu, 08 May 2025 10:25 PM IST
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अयोध्या। राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के अलावा सप्त मंडपम व परकोटा में बन रहे मंदिरों के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। श्रद्धालुओं को राम मंदिर परिसर में दिव्य अनुभव मिलेगा। वे राम मंदिर के साथ-साथ सप्त मंडपम व परकोटा के मंदिरों में भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर परिसर में एक तीन किमी. लंबा आंतरिक गलियारा बनाया जा रहा है, जिसका कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है।
आंतरिक गलियारा वह मार्ग है जो मंदिर परिसर के विभिन्न पूजा स्थलों, परिक्रमा पथ और गर्भगृह को जोड़ता है। यह गलियारा न केवल श्रद्धालुओं की आवाजाही को आसान बनाएगा, बल्कि यह पूरे मंदिर परिसर की दिव्यता को भी बढ़ाएगा। मंदिर की संपूर्ण योजना में यह गलियारा एक आध्यात्मिक यात्रा मार्ग की तरह डिजाइन किया गया है, जहां हर कदम पर भक्ति और अध्यात्म का अनुभव मिलेगा। इसके लिए पीडब्लूडी विभाग तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर रहा है। यह गलियारा राम मंदिर, सप्त मंडपम के सात मंदिरों, कुबेर टीला व परकोटा के मंदिरों को आपस में जोड़ेगा।
राम मंदिर ट्रस्ट की योजना है कि राम मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के बाद कम से कम परिसर में दो घंटे बिता सकें। श्रद्धालुओं को राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन के अलावा सप्त मंडपम के सात मंदिरों व परकोटा के छह मंदिरों के दर्शन मिलेंगे। इसके अलावा शेषावतार मंदिर व दर्शन के निकासी मार्ग पर स्थित संत तुलसी दास मंदिर में भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। परिसर के आठ एकड़ में पंचवटी विकसित की जा रही है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति कराएगी। सप्त मंडपम व परकोटा के मंदिरों में जून से श्रद्धालुओं को दर्शन मिलने लगेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं ताकि श्रद्धालु परिसर में दो घंटे से अधिक का समय व्यतीत कर सकें। मंदिर के अलावा श्रद्धालुओं को अन्य देवी-देवताओं व ऋषि-महर्षियों के दर्शन मिल सकेंगे। कॉरिडोर के निर्माण का काम बरसात से पहले पूरा कर लिया जाएगा। पंचवटी को विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है।
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आंतरिक गलियारा वह मार्ग है जो मंदिर परिसर के विभिन्न पूजा स्थलों, परिक्रमा पथ और गर्भगृह को जोड़ता है। यह गलियारा न केवल श्रद्धालुओं की आवाजाही को आसान बनाएगा, बल्कि यह पूरे मंदिर परिसर की दिव्यता को भी बढ़ाएगा। मंदिर की संपूर्ण योजना में यह गलियारा एक आध्यात्मिक यात्रा मार्ग की तरह डिजाइन किया गया है, जहां हर कदम पर भक्ति और अध्यात्म का अनुभव मिलेगा। इसके लिए पीडब्लूडी विभाग तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर रहा है। यह गलियारा राम मंदिर, सप्त मंडपम के सात मंदिरों, कुबेर टीला व परकोटा के मंदिरों को आपस में जोड़ेगा।
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राम मंदिर ट्रस्ट की योजना है कि राम मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने के बाद कम से कम परिसर में दो घंटे बिता सकें। श्रद्धालुओं को राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन के अलावा सप्त मंडपम के सात मंदिरों व परकोटा के छह मंदिरों के दर्शन मिलेंगे। इसके अलावा शेषावतार मंदिर व दर्शन के निकासी मार्ग पर स्थित संत तुलसी दास मंदिर में भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। परिसर के आठ एकड़ में पंचवटी विकसित की जा रही है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति कराएगी। सप्त मंडपम व परकोटा के मंदिरों में जून से श्रद्धालुओं को दर्शन मिलने लगेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं ताकि श्रद्धालु परिसर में दो घंटे से अधिक का समय व्यतीत कर सकें। मंदिर के अलावा श्रद्धालुओं को अन्य देवी-देवताओं व ऋषि-महर्षियों के दर्शन मिल सकेंगे। कॉरिडोर के निर्माण का काम बरसात से पहले पूरा कर लिया जाएगा। पंचवटी को विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है।