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अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है चित्रकला : प्रो. आशुतोष
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अयोध्या। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग और लोक व जनजातीय संस्कृति संस्थान की ओर से आयोजित सात दिवसीय चित्रकला कार्यशाला का समापन हुआ। सृजन शीर्षक के तहत आयोजित कार्यशाला में कला व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. आशुतोष सिन्हा और उत्तर प्रदेश लोक व जनजातीय संस्कृति संस्थान की सदस्य डॉ. कुमुद सिंह ने छात्र-छात्राओं की कृतियों का अवलोकन कर प्रशंसा की और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। सर्वश्रेष्ठ कृति को भी सम्मानित किया गया।
कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे कला व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. आशुतोष सिन्हा ने कहा कि अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम चित्रकला है। प्रतिभागियों ने अपनी सृजनात्मकता का परिचय दिया है, जो समाज के लिए उपयोगी होगी। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश लोक व जनजातीय संस्कृति संस्थान की सदस्य डॉ. कुमुद सिंह ने छात्र-छात्रों की सृजनशीलता को उच्च कोटि का बताया और उन्हें उनकी कृति के लिए शुभाशीष प्रदान किया।
कार्यशाला में डाॅ. प्रिया कुमारी ने छात्र-छात्राओं की कृतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये भारत के भावी कलाकार हैं, जो भारत का नाम विश्व पटल पर ले जाएंगे। कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षका और फाइन आर्ट की सहायक आचार्य डॉ. सरिता द्विवेदी ने बताया कि कार्यशाला के समापन पर सभी छात्र-छात्राओं की कृतियों का प्रदर्शन किया गया। उन्हें प्रमाण पत्र देकर उत्साहवर्धन किया गया। वन विभाग की उमा सिंह ने सफल आयोजन के लिए बधाई दी। इस दौरान रीमा सिंह, डॉ. अलका श्रीवास्तव, डॉ. रचना श्रीवास्तव, गैर शैक्षणिक कर्मचारी समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे कला व मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. आशुतोष सिन्हा ने कहा कि अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम चित्रकला है। प्रतिभागियों ने अपनी सृजनात्मकता का परिचय दिया है, जो समाज के लिए उपयोगी होगी। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश लोक व जनजातीय संस्कृति संस्थान की सदस्य डॉ. कुमुद सिंह ने छात्र-छात्रों की सृजनशीलता को उच्च कोटि का बताया और उन्हें उनकी कृति के लिए शुभाशीष प्रदान किया।
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कार्यशाला में डाॅ. प्रिया कुमारी ने छात्र-छात्राओं की कृतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये भारत के भावी कलाकार हैं, जो भारत का नाम विश्व पटल पर ले जाएंगे। कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षका और फाइन आर्ट की सहायक आचार्य डॉ. सरिता द्विवेदी ने बताया कि कार्यशाला के समापन पर सभी छात्र-छात्राओं की कृतियों का प्रदर्शन किया गया। उन्हें प्रमाण पत्र देकर उत्साहवर्धन किया गया। वन विभाग की उमा सिंह ने सफल आयोजन के लिए बधाई दी। इस दौरान रीमा सिंह, डॉ. अलका श्रीवास्तव, डॉ. रचना श्रीवास्तव, गैर शैक्षणिक कर्मचारी समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।