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ऋषि परंपरा में हैं हिंदू समाज की जड़ें : कमल नरायन
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सुहवल इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते वक्ता। संवाद
- फोटो : कूरेभार में बना छात्रावास।
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सुहवल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से रविवार को गांव स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि झारखंड के सेवानिवृत्त जिला जज कमल नरायन पांडेय ने कहा कि हिंदू समाज की जड़ें ऋषि परंपरा में हैं। संस्कार, आदर्श और मूल्य व्यक्ति को रुढ़ियों से मुक्त कर राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि समाज की एकजुटता ही भारत के गौरव और विकास की दिशा तय करती है। आरएसएस के पूर्वी यूपी के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि विजयदशमी के दिन डाॅ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को की थी। इसका उद्देश्य हिंदुओं में अनुशासन, एकता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था। उन्होंने कहा कि आपसी संघर्ष से समाज कमजोर होता है और इसका लाभ विघटनकारी शक्तियां उठाती हैं। संगठन और एकता ही सनातन संस्कृति की आत्मा है। रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ पारिवारिक मर्यादा, सामाजिक दायित्व और समरसता का वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। भारतीय नारी ने ही राम, कृष्ण और शिवाजी के परंपराओं को जीवंत रखा। त्याग, समर्पण और दूरदृष्टि के बल पर नारी शक्ति परिवार से लेकर राष्ट्र तक संस्कृति का ध्वज उठाए हुए है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि वेंकटेश मंदिर के पीठाधीश्वर दामोदर प्रपंन्नाचार्य, संध्या, शिवप्रकाश, विनोद खरवार नीरज पांडेय आदि मौजूद रहे।
अखंड भारत का सपना होगा साकार
देवकली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष पूरा होने पर रविवार को मुडरभा लक्ष्मणपुर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता जिला शासकीय अधिवक्ता अभय नारायण तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म पर हमला करके नष्ट करने का प्रयास किया गया। लेकिन, हजारों वर्षो के बाद सनातन धर्म जिंदा है। आगे भी जिंदा रहेगा। आने वाले दिनों में अखंड भारत का सपना साकार होगा।
खंड कार्यवाह पंकज दूबे ने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गैर राजनीतिक संगठन है। इसकी शाखाएं भारत सहित पूरे विश्व में हैं। स्वयंसेवक दैवीय आपदा सहित विषम परिस्थितियों में लोगों की सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं। इस मौके पर संत हीरादास, मनोज बिंद, जोगेंद्र कन्नौजिया, ऋषिकेश सिंह, ज्योति चौहान आदि मौजूद रहीं। संवाद
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उन्होंने कहा कि समाज की एकजुटता ही भारत के गौरव और विकास की दिशा तय करती है। आरएसएस के पूर्वी यूपी के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि विजयदशमी के दिन डाॅ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को की थी। इसका उद्देश्य हिंदुओं में अनुशासन, एकता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था। उन्होंने कहा कि आपसी संघर्ष से समाज कमजोर होता है और इसका लाभ विघटनकारी शक्तियां उठाती हैं। संगठन और एकता ही सनातन संस्कृति की आत्मा है। रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ पारिवारिक मर्यादा, सामाजिक दायित्व और समरसता का वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। भारतीय नारी ने ही राम, कृष्ण और शिवाजी के परंपराओं को जीवंत रखा। त्याग, समर्पण और दूरदृष्टि के बल पर नारी शक्ति परिवार से लेकर राष्ट्र तक संस्कृति का ध्वज उठाए हुए है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि वेंकटेश मंदिर के पीठाधीश्वर दामोदर प्रपंन्नाचार्य, संध्या, शिवप्रकाश, विनोद खरवार नीरज पांडेय आदि मौजूद रहे।
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अखंड भारत का सपना होगा साकार
देवकली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष पूरा होने पर रविवार को मुडरभा लक्ष्मणपुर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता जिला शासकीय अधिवक्ता अभय नारायण तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म पर हमला करके नष्ट करने का प्रयास किया गया। लेकिन, हजारों वर्षो के बाद सनातन धर्म जिंदा है। आगे भी जिंदा रहेगा। आने वाले दिनों में अखंड भारत का सपना साकार होगा।
खंड कार्यवाह पंकज दूबे ने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गैर राजनीतिक संगठन है। इसकी शाखाएं भारत सहित पूरे विश्व में हैं। स्वयंसेवक दैवीय आपदा सहित विषम परिस्थितियों में लोगों की सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं। इस मौके पर संत हीरादास, मनोज बिंद, जोगेंद्र कन्नौजिया, ऋषिकेश सिंह, ज्योति चौहान आदि मौजूद रहीं। संवाद