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Ghazipur News: नहीं रुक रहा रफ्तार का कहर, नौ महीने में 211 की मौत, मरने वालों में 60 किशोर
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वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन मार्ग पर नरवर गांव के सामने स्थित ब्लैक स्पॉट। संवाद
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गाजीपुर। जिले में हर साल नवंबर में पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा यातायात माह चलाकर लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जाता है, लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो यह अभियान सड़क हादसों पर ब्रेक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। बीते दो वर्षों में न सिर्फ सड़क हादसे बढ़े हैं, बल्कि मौतों का आंकड़ा भी चिंताजनक रूप से बढ़ा है।जिला प्रशासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच जिले में 303 सड़क हादसे हुए। इनमें 176 गंभीर और 127 सामान्य हादसे शामिल रहे। इन घटनाओं में 399 लोग घायल हुए। इनमें 211 लोगों की मौत हो गई, इनमें 60 किशोर थे। 40 लोग 35 से 45 वर्ष के बीच थे वहीं 111 लोग 18 से 25 आयु वर्ग के थे।इसके मुकाबले वर्ष 2024 में 269 हादसे दर्ज हुए थे, जिनमें 173 मौतें हुई थीं। यानी एक साल में हादसों में 12.64 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 21.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर 87 दुर्घटनाओं में 85 मौतें-जिले से गुजरने वाले तीन राष्ट्रीय राजमार्ग जिनमें एनएच-31, एनएच-124सी और एनएच-97(24) शामिल है, वह लगातार हादसों के केंद्र बने हैं। जनवरी से सितंबर तक इन मार्गों पर हुए 87 हादसों में 85 लोगों की मौत हो गई, जबकि 64 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। एनएच-31 बलिया होकर बिहार के हाजीपुर, एनएच-124(सी) ताड़ीबाड़ा–बारा रोड होकर बिहार के चौसा जबकि एनएच-97(24) गाजीपुर–सैय्यदराजा मार्ग चंदौली से होता हुआ बिहार को जोड़ता है। इन मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही और तेज रफ्तार हादसों की बड़ी वजह बताई जा रही है।
जागरूकता के बावजूद लापरवाही जारी -यातायात माह में जागरूकता कार्यक्रमों, पोस्टर, रैलियों और सुरक्षा संदेशों के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में उदासीनता बनी हुई है। नतीजा यह है कि तेज रफ्तार, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, गलत दिशा, बिना हेलमेट-बिना सीटबेल्ट और ओवरलोडिंग जैसी लापरवाहियां मौत का कारण बन रही हैं।
यातायात माह के दौरान लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए लगातार अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। नियमों का पालन करेंगे तभी मौतों के बढ़ते आंकड़े पर काबू पाया जा सकेगा। -शेखर सेंगर, सीओ सिटी, गाजीपुर
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तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर 87 दुर्घटनाओं में 85 मौतें-जिले से गुजरने वाले तीन राष्ट्रीय राजमार्ग जिनमें एनएच-31, एनएच-124सी और एनएच-97(24) शामिल है, वह लगातार हादसों के केंद्र बने हैं। जनवरी से सितंबर तक इन मार्गों पर हुए 87 हादसों में 85 लोगों की मौत हो गई, जबकि 64 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। एनएच-31 बलिया होकर बिहार के हाजीपुर, एनएच-124(सी) ताड़ीबाड़ा–बारा रोड होकर बिहार के चौसा जबकि एनएच-97(24) गाजीपुर–सैय्यदराजा मार्ग चंदौली से होता हुआ बिहार को जोड़ता है। इन मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही और तेज रफ्तार हादसों की बड़ी वजह बताई जा रही है।
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जागरूकता के बावजूद लापरवाही जारी -यातायात माह में जागरूकता कार्यक्रमों, पोस्टर, रैलियों और सुरक्षा संदेशों के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में उदासीनता बनी हुई है। नतीजा यह है कि तेज रफ्तार, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, गलत दिशा, बिना हेलमेट-बिना सीटबेल्ट और ओवरलोडिंग जैसी लापरवाहियां मौत का कारण बन रही हैं।
यातायात माह के दौरान लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए लगातार अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। नियमों का पालन करेंगे तभी मौतों के बढ़ते आंकड़े पर काबू पाया जा सकेगा। -शेखर सेंगर, सीओ सिटी, गाजीपुर