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Jaunpur News: लापरवाही पर एई की सेवा समाप्त
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करंजाकला। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने मूल्यांकन भवन के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया। इस बीच सोमवार को कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर तैनात सहायक अभियंता की सेवा समाप्त कर दी।
दीक्षांत समारोह के दौरान मंच से राज्यपाल ने मूल्यांकन भवन के निर्माण की गुणवत्ता और निर्माण की धीमी गति पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने सवाल उठाया था कि विश्वविद्यालय के भीतर इतने संसाधन होने के बावजूद निर्माण की निगरानी और पारदर्शिता नहीं है। राज्यपाल की इस टिप्पणी के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर से वहां चल रहे कार्यों की मॉनीटरिंग व मूल्यांकन भवन के निर्माण की समीक्षा शुरू की।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की देखरेख, मॉनीटरिंग व रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त सहायक अभियंता मदन कुमार चतुर्वेदी को सौंपी थी।
उन्हें इसके लिए प्रतिदिन 2500 रुपये व प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपये मासिक मानदेय पर रखा गया था। राज्यपाल की टिप्पणी के बाद विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन भवन एवं अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं की के लिए जांच समिति गठित की। समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में मदन कुमार चतुर्वेदी द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जवाबदेही में कमी मिलने की बात कही। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाला साहब देवरस मल्टी परपज हाल सहित अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट में तथ्यात्मक त्रुटियां हैं और लापरवाही बरती गई है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से मदन कुमार चतुर्वेदी की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है।

दीक्षांत समारोह के दौरान मंच से राज्यपाल ने मूल्यांकन भवन के निर्माण की गुणवत्ता और निर्माण की धीमी गति पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने सवाल उठाया था कि विश्वविद्यालय के भीतर इतने संसाधन होने के बावजूद निर्माण की निगरानी और पारदर्शिता नहीं है। राज्यपाल की इस टिप्पणी के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर से वहां चल रहे कार्यों की मॉनीटरिंग व मूल्यांकन भवन के निर्माण की समीक्षा शुरू की।
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कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की देखरेख, मॉनीटरिंग व रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त सहायक अभियंता मदन कुमार चतुर्वेदी को सौंपी थी।
उन्हें इसके लिए प्रतिदिन 2500 रुपये व प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपये मासिक मानदेय पर रखा गया था। राज्यपाल की टिप्पणी के बाद विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन भवन एवं अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं की के लिए जांच समिति गठित की। समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में मदन कुमार चतुर्वेदी द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जवाबदेही में कमी मिलने की बात कही। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाला साहब देवरस मल्टी परपज हाल सहित अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट में तथ्यात्मक त्रुटियां हैं और लापरवाही बरती गई है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से मदन कुमार चतुर्वेदी की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है।