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Bageshwar News: सरयू नदी पर बनने लगा पुल, नगर में होने लगा रंगरोगन
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बागेश्वर। नगर में उत्तरायणी कौतिक की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। सरयू नदी पर आवाजाही के लिए अस्थायी पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। सरयू घाट से लेकर नुमाइशखेत मैदान तक वॉल पेंटिंग का काम चल रहा है। मेले के लिए नगर को भव्य रूप से सजाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तरायणी मेले के मुख्य आयोजन स्थल नुमाइशखेत मैदान पर करीब 150 दुकान और विकास प्रदर्शनी के स्टॉल लगाए जाने हैं। मुख्य मंच और मैदान की बाहरी दीवारों पर रंगरोगन और चित्रकारी का काम चल रहा है। सरयू नदी के दोनों ओर, गोमती नदी किनारे और नगर की सड़कों की सुरक्षा दीवारों पर रंगरोगन का काम तेजी से चल रहा है। सरयू बगड़ में लगने वाली दुकानों की मार्किंग हो चुकी है। नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल स्वयं नगर में चल रहे कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान बागनाथ मंदिर, चंडिका मंदिर समेत सभी प्रमुख मंदिरों को बिजली की मालाओं से रोशन किया जाएगा। सरयू और गोमती नदी पर बने पुलों पर भी बिजली के झालर और लड़ियां लगाई जाएंगी। बताया कि मेले से पूर्व नगर को नया रंग रूप देने का काम चल रहा है। मेला पिछली बार से अधिक भव्य और आकर्षक होगा।
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उत्तरायणी की तैयारियों के बीच लावारिस पशुओं का सड़कों पर कब्जा
बागेश्वर। ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले की तैयारियों में जुटे नगर पालिका प्रशासन के सामने लावारिस जानवर एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। नगर के मुख्य चौराहों से लेकर तंग गलियों तक डेरा जमाए जानवर यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। नगर के मुख्य बाजार, गोमती पुल, तहसील रोड, कांडा रोड, पिंडारी रोड और सरयू तट के समीपवर्ती रास्तों पर लावारिस जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। सड़क पर बैठे जानवरों के कारण दोपहिया और चौपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को इन जानवरों के बीच से गुजरने में हमेशा डर बना रहता है। उत्तरायणी मेले के दौरान नगर में भीड़ बड़ जाती है। ऐसे में सड़कों पर घूम रहे ये लावारिस जानवर व्यवस्थाओं में खलल डाल सकते हैं। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन सौंदर्यीकरण और टेंट व्यवस्था पर तो ध्यान दे रहा है लेकिन सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।
....कोट
जिले के मनकोट में 100 गोवंशों की क्षमता का गो सदन बनकर तैयार है। उत्तरायणी मेले से पहले नगर के लावारिस जानवरों को वहां भेजा जाएगा। मेले के दौरान सड़कों पर यातायात बाधित न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। -सुरेश खेतवाल, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका, बागेश्वर
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उत्तरायणी की तैयारियों के बीच लावारिस पशुओं का सड़कों पर कब्जा
बागेश्वर। ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले की तैयारियों में जुटे नगर पालिका प्रशासन के सामने लावारिस जानवर एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। नगर के मुख्य चौराहों से लेकर तंग गलियों तक डेरा जमाए जानवर यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। नगर के मुख्य बाजार, गोमती पुल, तहसील रोड, कांडा रोड, पिंडारी रोड और सरयू तट के समीपवर्ती रास्तों पर लावारिस जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। सड़क पर बैठे जानवरों के कारण दोपहिया और चौपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को इन जानवरों के बीच से गुजरने में हमेशा डर बना रहता है। उत्तरायणी मेले के दौरान नगर में भीड़ बड़ जाती है। ऐसे में सड़कों पर घूम रहे ये लावारिस जानवर व्यवस्थाओं में खलल डाल सकते हैं। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन सौंदर्यीकरण और टेंट व्यवस्था पर तो ध्यान दे रहा है लेकिन सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।
....कोट
जिले के मनकोट में 100 गोवंशों की क्षमता का गो सदन बनकर तैयार है। उत्तरायणी मेले से पहले नगर के लावारिस जानवरों को वहां भेजा जाएगा। मेले के दौरान सड़कों पर यातायात बाधित न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। -सुरेश खेतवाल, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका, बागेश्वर

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