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Haridwar News: एलिवेटेड पुल के नीचे विकसित होंगी 10 पार्किंग
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दूधाधारी एलिवेटेड फ्लाईओवर के नीचे बनाई गई पार्किंग । संवाद
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धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ, कांवड़ और स्नान पर्वों के दौरान भीड़ नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल को अब मेला प्रशासन अपने बजट से साकार करेगा। इस योजना को मूर्त रूप देने में स्वयं जिलाधिकारी और मेला प्रशासन जुटा हुआ है जिसकी पूरी जिम्मेदारी एचआरडीए (हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण) को सौंपी जा रही है।
योजना के तहत शहर से होकर देहरादून और नजीबाबाद जाने वाले वाहनों को एलिवेटेड फ्लाईओवर से गुजारा जाएगा। पुल पर यातायात चलेगा और उसके नीचे के पिलरों के बीच पार्किंग बनाई जाएगी। विस्तृत कार्ययोजना के तहत दूधाधारी एलिवेटेड फ्लाईओवर के नीचे कुल 20 पिलर हैं। यहां लगभग दस पार्किंग विकसित की जाएंगी जिनमें करीब दो हजार छोटे-बड़े वाहनों पार्क किया जा सकेगा। इसके अलावा प्रेम नगर आश्रम के पास और गुरुकुल कांगड़ी के पास बने अंडरपास को छोड़कर अन्य खाली स्थानों को भी पार्किंग के रूप में तैयार किया जाएगा जिससे शहर की धारण क्षमता बढ़ाई जा सके।
यह कार्ययोजना 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ को कुंभ का रूप देने के उद्देश्य से बनाई गई है। मेला अधिकारी सोनिका जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के साथ समन्वय बनाकर इसे अंतिम रूप दे रही हैं। योजना का अहम हिस्सा ओवरब्रिज और फ्लाईओवर के नीचे से अतिक्रमण हटाना है। इस खाली स्थान का सौंदर्यीकरण कार्य एचआरडीए पहले ही पूरा कर चुका है। इसके तहत पिलरों पर देश के तमाम खिलाड़ियों और राज्य की महान विभूतियों के चित्र बनाए गए हैं। अब एचआरडीए विधिवत निविदा सूचना और नीलामी की प्रक्रिया पूरी करके इस खाली स्थान को पार्किंग के रूप में आवंटित करेगा।
भीड़ नियंत्रण के साथ राजस्व की वसूली भी होगी
फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग विकसित करने से न केवल भीड़ नियंत्रण और वाहनों के जाम की समस्या दूर होगी बल्कि इससे अच्छा खासा राजस्व भी प्राप्त होगा। एचआरडीए की ओर से विकसित की जाने वाली इन पार्किंग में से प्रत्येक में करीब 100 वाहन खड़े हो सकेंगे। जिससे बड़े वाहनों और चार पहिया वाहनों की अधिकता के बावजूद जाम की स्थिति से निपटना आसान होगा।
अवैध कब्जों से मिलेगी मुक्ति
पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड पुलों के नीचे की जमीन को कब्जे की चपेट में आने से पहले ही एचआरडीए ने कार्ययोजना के तहत व्यवस्थित कर दिया था। तात्कालीन उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह ने शंकराचार्य चौक पर खेल ग्राउंड तैयार किया और अन्य जगहों पर पौधे लगाकर उन्हें संरक्षित किया। प्रेमनगर आश्रम और शंकराचार्य चौक से जुड़ रहे चौकों पर भी सौंदर्यीकरण कार्य किया गया। अवस्थापना विकास मद से हुए इन कार्यों से धर्मनगरी की एक अलग पहचान बन रही है। इसके अतिरिक्त, मेला प्रशासन और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने झुग्गी-झोपड़ी और अवैध कब्जे हटाकर मेला क्षेत्र की अधिकृत भूमि को भी संरक्षित कर दिया है।
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हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जिला और मेला प्रशासन के निर्देशों के अनुरुप कार्य की प्रगति में जुटा है। इसमें चिह्नित किए गए पार्किंग स्थल जल्द ही तैयार कर दिए जाएंगे। आवंटन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। वाहनों के शुल्क आदि का निर्धारण किया जा रहा है। कार्य पूरा होते ही इसका लाभ धर्मनगरी को मिलना शुरू हो जाएगा। - मनीष कुमार, एचआरडीए सचिव
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योजना के तहत शहर से होकर देहरादून और नजीबाबाद जाने वाले वाहनों को एलिवेटेड फ्लाईओवर से गुजारा जाएगा। पुल पर यातायात चलेगा और उसके नीचे के पिलरों के बीच पार्किंग बनाई जाएगी। विस्तृत कार्ययोजना के तहत दूधाधारी एलिवेटेड फ्लाईओवर के नीचे कुल 20 पिलर हैं। यहां लगभग दस पार्किंग विकसित की जाएंगी जिनमें करीब दो हजार छोटे-बड़े वाहनों पार्क किया जा सकेगा। इसके अलावा प्रेम नगर आश्रम के पास और गुरुकुल कांगड़ी के पास बने अंडरपास को छोड़कर अन्य खाली स्थानों को भी पार्किंग के रूप में तैयार किया जाएगा जिससे शहर की धारण क्षमता बढ़ाई जा सके।
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यह कार्ययोजना 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ को कुंभ का रूप देने के उद्देश्य से बनाई गई है। मेला अधिकारी सोनिका जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के साथ समन्वय बनाकर इसे अंतिम रूप दे रही हैं। योजना का अहम हिस्सा ओवरब्रिज और फ्लाईओवर के नीचे से अतिक्रमण हटाना है। इस खाली स्थान का सौंदर्यीकरण कार्य एचआरडीए पहले ही पूरा कर चुका है। इसके तहत पिलरों पर देश के तमाम खिलाड़ियों और राज्य की महान विभूतियों के चित्र बनाए गए हैं। अब एचआरडीए विधिवत निविदा सूचना और नीलामी की प्रक्रिया पूरी करके इस खाली स्थान को पार्किंग के रूप में आवंटित करेगा।
भीड़ नियंत्रण के साथ राजस्व की वसूली भी होगी
फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग विकसित करने से न केवल भीड़ नियंत्रण और वाहनों के जाम की समस्या दूर होगी बल्कि इससे अच्छा खासा राजस्व भी प्राप्त होगा। एचआरडीए की ओर से विकसित की जाने वाली इन पार्किंग में से प्रत्येक में करीब 100 वाहन खड़े हो सकेंगे। जिससे बड़े वाहनों और चार पहिया वाहनों की अधिकता के बावजूद जाम की स्थिति से निपटना आसान होगा।
अवैध कब्जों से मिलेगी मुक्ति
पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड पुलों के नीचे की जमीन को कब्जे की चपेट में आने से पहले ही एचआरडीए ने कार्ययोजना के तहत व्यवस्थित कर दिया था। तात्कालीन उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह ने शंकराचार्य चौक पर खेल ग्राउंड तैयार किया और अन्य जगहों पर पौधे लगाकर उन्हें संरक्षित किया। प्रेमनगर आश्रम और शंकराचार्य चौक से जुड़ रहे चौकों पर भी सौंदर्यीकरण कार्य किया गया। अवस्थापना विकास मद से हुए इन कार्यों से धर्मनगरी की एक अलग पहचान बन रही है। इसके अतिरिक्त, मेला प्रशासन और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने झुग्गी-झोपड़ी और अवैध कब्जे हटाकर मेला क्षेत्र की अधिकृत भूमि को भी संरक्षित कर दिया है।
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जिला और मेला प्रशासन के निर्देशों के अनुरुप कार्य की प्रगति में जुटा है। इसमें चिह्नित किए गए पार्किंग स्थल जल्द ही तैयार कर दिए जाएंगे। आवंटन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। वाहनों के शुल्क आदि का निर्धारण किया जा रहा है। कार्य पूरा होते ही इसका लाभ धर्मनगरी को मिलना शुरू हो जाएगा। - मनीष कुमार, एचआरडीए सचिव