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दुखद: आखिरकार दीपक की लौ बुझाकर ही मानी मौत, पहले भी दो बार दुर्घटना हो चुकी थी युवक के साथ; जानें घटना
प्रकाश नैनवाल
Published by: हीरा मेहरा
Updated Wed, 17 Sep 2025 10:09 AM IST
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सार
गुरुणी नाले की तेज धारा ने ग्राम सभा पतलिया के एक घर के इकलौते चिराग को बुझा दिया। दीपक के साथ इससे पहले भी दो बार दुर्घटनाएं हो चुकी थीं जिनमें वह बाल-बाल बच गए थे।

दीपक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गुरुणी नाले की तेज धारा ने ग्राम सभा पतलिया के एक घर के इकलौते चिराग को बुझा दिया। दीपक के साथ इससे पहले भी दो बार दुर्घटनाएं हो चुकी थीं जिनमें वह बाल-बाल बच गए थे। दो वर्ष पहले कमोला में उनका वाहन पलट गया था जिसमें वह काल के गाल से लौट आए थे। पिछले साल पहाड़ से गिरे पत्थर ने उनकी गाड़ी तोड़ दी। इस हादसे में उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। लोग कहते हैं कि कई बार किस्मत उन्हें बचा लाई लेकिन इस बार गुरुणी नाले का उफान उन्हें अपने साथ बहा ले गया।

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दीपक के दुनिया से चले जाने से गांव में मातम पसरा है। परिवार में कोहराम मचा है। बूढ़े माता-पिता की आंखें पथरा गई हैं। रिश्तेदार और परिचित उन्हें ढाढ़स बंधाने पहुंच रहे हैं।दोनों बहनों की शादी होने के बाद माता-पिता की जिम्मेदारी भी उन पर ही थी। अविवाहित दीपक अपने मिलनसार स्वभाव के कारण गांव में सबके प्रिय थे। बीते कई वर्षों से वह पीएमजीएसवाई काठगोदाम में वाहन चलाकर रोजी-रोटी कमा रहे थे। दो वर्ष पहले भी कमोला में उनका वाहन पलट गया जिसमें वह काल के मुंह से लौटे।
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...तो दीपक जिंदा होता
ग्रामवासी आज भी इस हादसे के पीछे जिम्मेदारों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर गुरुणी नाले पर वर्षों से वादा किया गया पुल बन गया होता तो दीपक आज जिंदा होता। दीपक की असमय मौत से ग्राम सभा पतलिया ही नहीं, पूरा कोटाबाग शोकाकुल है।