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Uttarakhand News: भूस्खलन में भवन समेत सात मवेशी जिंता दफन, बजून में घर का सामान मलबे में दबा; जमीन बही
अमर उजाला नेटवर्क, नैनीताल
Updated Wed, 17 Sep 2025 10:33 AM IST
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सार
बजून ग्राम पंचायत के दूधिला तोक में भूस्खलन में आवासीय भवन समेत सात मवेशी मिट्टी में दफन हो गए। डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने मंगलवार दोपहर बाद मौके पर पहुंच कर सड़क खोलने से लेकर लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है।

बजून गांव के दूधिला गांव में भूस्खलन के बाद पहाड़ी की स्थिति।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बजून ग्राम पंचायत के दूधिला तोक में भूस्खलन में आवासीय भवन समेत सात मवेशी मिट्टी में दफन हो गए। गनीमत रही कि भवन स्वामी खतरे को देखते हुए पहले से ही अपने भाई के भवन में शिफ्ट हो गए थे। डीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने मंगलवार दोपहर बाद मौके पर पहुंच कर सड़क खोलने से लेकर लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है। अब पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे से अन्य भवनों पर भी संकट मंडराने लगा है।

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नैनीताल के समीपवर्ती बजून ग्राम पंचायत का दूधिला तोक बजून-अधौड़ा मार्ग के ठीक नीचे स्थित है। वहां भूपाल सिंह ढैला, हरेंद्र सिंह ढैला व पूरन सिंह ढैला का परिवार रहता है। बजून अधौडा़, गैरीखेत मार्ग निर्माण के चलते यहां रहने वाले परिवार कई वर्षों से भूस्खलन की मार झेल रहे हैं। ग्रामीण इस संबंध में अधिकारियों से सुरक्षा की मांग उठा रहे हैं लेकिन पर्याप्त सुरक्षा कार्य नहीं किए जा सके। बीते महीने भी अधौड़ा मार्ग में भूस्खलन के चलते मलबा आवासीय क्षेत्र तक जा पहुंचा था। सूचना के बाद प्रशासन की टीम ने तीन परिवारों को शिफ्ट कराया था। साथ ही सुरक्षा कार्य किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा कार्य नहीं हो पाए।
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सोमवार रात मूसलाधार बारिश के दौरान पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से आए भारी मलबे ने भूपाल सिंह ढैला के दो मंजिल भवन को चपेट में ले लिया। भूपाल सिंह ने बताया कि घर के सामान के साथ गोशाला में बंधी दो गाय, दो भैंस, दो बछड़े, एक घोड़ा और घर का सारा सामान मलबे में दब गया है। इसके साथ ही खेतों में मलबा भरने से कई नाली जमीन बर्बाद हो गई है। कई बिजली के पोल भी टेढ़े हो गए हैं। गांव की सड़क भी बंद हो गई है।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, पीड़ित को मिला मुआवजा
बजून में आपदा का मामला जनप्रतिनिधियों की ओर से शासन तक पहुंचाया गया तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका संज्ञान लिया। विधायक सरिता आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से संज्ञान लेने के बाद आपदा प्रभावित परिवार को जिला प्रशासन की ओर से तीन लाख 12 हजार मुआवजा राशि दे दी है। सीएम ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य के संबंध में प्रस्ताव मांगा है। सीएम ने आपदा के तहत कार्य करवाने का आश्वासन दिया है।
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लगाए सड़क से वापस लौटने के आरोप
बजून के दुधिला गांव में हुए भूस्खलन के बाद लोगों को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिलने पर ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे और उनकी अनदेखी पर हंगामा किया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन की टीम पर सड़क से ही वापस लौटने का आरोप लगाया। ग्रामीणों में जिलाधिकारी वंदना सिंह से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी। डीएम ने एसडीएम, लोनिवि व अन्य विभागों को मौके पर जाकर लोगों की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए। डीएम से मिलने वालों में जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवकी बिष्ट, ग्राम प्रधान बजून जानकी, प्रधान प्रेमा, गणेश सिंह, मनमोहन कनवाल, गोविंद राणा, धीरज व उमेश मौजूद थे। ग्रामीणों के हंगामा करने पर एसडीएम, भूविज्ञानी, लोनिवि व राजस्व टीमों ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
आपदा के बाद भी विधायक के ना पहुंचने से ग्रामीणों में रोष
बजून के दूधिला तोक में आपदा के बाद भी क्षेत्रीय विधायक व उनके प्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने से लोगों ने नाराजगी व्यक्त की। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अधौड़ा की प्रधान फोन पर विधायक से शिकायत करती नजर आ रही हैं। विधायक के आपदा प्रभावित क्षेत्र तक नहीं पहुंचने पर लापरवाही करने की बात कह रही हैं। महिला की ओर से विधायक से फोन व मैसेज के बाद भी नहीं पहुंचने की बात कही जा रही है। विधायक सरिता आर्या ने बताया कि उनके पास कॉल या मैसेज नहीं आया। फिलहाल वह शहर से बाहर हैं। यहां आने के बाद वह स्वयं ही क्षेत्र का निरीक्षण करेंगी।
पीड़ित परिवारों को चिह्नित कर पूर्व में ही सुरक्षित भवनों में विस्थापित कर दिया गया था। इसके चलते कोई जनहानि नहीं हुई। जिलाधिकारी के निर्देश पर क्षेत्र पर कैंप लगाया जाएगा। इसमें बिजली-पानी और अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को छह माह का किराया भी दिया जाएगा। -नवाजिश खलिक, एसडीएम, नैनीताल
अधौड़ा में भूस्खलन के चलते सड़क बंद है। दो जेसीबी से मलबा हटाकर डंपरों के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर फेंका जाएगा। सड़क को खोलने में दो से तीन दिन लगेंगे। रत्नेश सक्सेना, ईई लोनिवि नैनीताल