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UK: लाखों का कर्ज, बैंक की कुर्की, लोकलाज का डर...और फिर एक दंपती ने चुना मौत का रास्ता, जानें पूरा मामला

अमर उजाला नेटवर्क, हल्द्वानी Published by: हीरा मेहरा Updated Thu, 04 Dec 2025 12:28 PM IST
सार

हल्दूचौड़ इलाके के प्रतिष्ठित व्यवसायी दुमका ट्रेडर्स के स्वामी और उनकी पत्नी कमला दुमका ने मंगलवार की देर रात अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आसपास के लोगों के अनुसार परिवार ने पिछले कुछ महीनों में लाखों रुपये उधार ले लिए थे।

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Dumka Traders owner and his wife commit suicide in lalkuan
हल्दूचौड़ में माता-पिता क शव को ले जाने के दौरान रोतीं-बिलखतीं बेटियां - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हल्दूचौड़ के मुख्य बाजार निवासी रमेश दुम्का की पहली पत्नी का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी की थी। करोड़ों के कर्ज ने दुम्का परिवार को ऐसी गहरी मुश्किल में धकेल दिया कि दंपती ने आखिरकार मौत को ही गले लगा लिया। गांव के आसपास के लोगों के अनुसार परिवार ने पिछले कुछ महीनों में परिचितों, स्थानीय लोगों और बैंक से लाखों रुपये उधार ले लिए थे। ब्याज बढ़ता गया और किस्तें रुक गईं तो बैंक ने कुर्की की तैयारी शुरू कर दी।

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दूसरी ओर जिन लोगों से कर्ज लिया था वे भी तकादा करने रोज घर पहुंचने लगे। चर्चा है कि कर्ज के बोझ तले दबे दुम्का दंपती की पूरी संपत्ति, जमीन-जायदाद सब कुछ दांव पर लग चुका था। कोई संपत्ति ऐसी नहीं थी कि जिसे बेचकर वह पूरा कर्ज चुका सकते। बताया जा रहा है कि लोकलाज के डर और वित्तीय संकट से बेबस दुम्का दंपती कई दिनों से मानसिक तनाव में थे। तीन-चार महीने से स्थिति तब और ज्यादा बिगड़ गई जब बैंक नोटिस की कार्रवाई एवं लेनदारों की आवाजाही बढ़ने से तनाव चरम पर पहुंच गया। हालात बर्दाश्त से बाहर होने पर दंपती ने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली।
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चार दिन पहले ही उतरवा दिए थे दो पंखे
दुम्का दंपती ने दुकान के एक पुराने कर्मचारी को घर बुलाया। कर्मचारी ने बताया कि बाबूजी ने दोनों कमरे के पंखे उतारने के लिए कहा था। घर के पंखे उतरवाना किसी को उस समय असामान्य नहीं लगा था। उनके यह कदम उठाने के बाद समझ आ रहा है कि दंपती पहले ही आत्मघाती कदम उठाने का मन बना चुका था। उनका बेटा हल्द्वानी में रहता था। घटना से चार दिन पहले उन्होंने उसे फोन कर घर बुला लिया था।

पूरे इलाके में साख थी दुम्का ट्रेडर्स की: एक समय था जब यह परिवार पूरे इलाके में दुम्का ट्रेडर्स के नाम से जाना जाता था। परिवार मेहनत, ईमानदारी और भरोसे की मिसाल था। पिता ने अपना पूरा जीवन खपाकर सरकारी नौकरी के बाद कारोबार खड़ा किया था। जिस धरोहर को पिता ने पसीने और संघर्ष से सींचा था वह परिवार के कर्ज, गलत फैसलों और लापरवाही की वजह से गर्त में चला गया।

एक साथ उठीं दो अर्थियां तो मचा कोहराम
दुम्का दंपती का क्षेत्र में बेहद मान-सम्मान था। हर किसी से उनके रिश्ते अच्छे और उनका व्यवहार बेहद मिलनसार था। उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब इस बात की तस्दीक कर रहा था कि उन्होंने हर किसी के दिल में जगह बनाई थी लेकिन उन्हें अपनी जिंदगी से आखिरकार इतनी निराशा क्यों हो गई और दोनों ने मिलकर इतना खतरनाक कदम क्यों उठाया, लोग इस बात से हैरान हैं। करीबी दुकानदार बताते हैं कि पिछले कई दिनों से दुम्का बाजार आकर हर परिचित अपरिचित को बड़े अपनत्व से नमस्कार कर रहे थे। लोगों को लगा शायद वह कुछ खुश हैं या पुरानी दिनचर्या निभा रहे हैं। किसी को नहीं मालूम था कि असल में वे अपनी आखिरी विदाई सबको दूर से ही दे रहे थे।

घर और दुकान दोनों गिरवी
स्थानीय लोगों के अनुसार दुम्का दंपती का मकान और दुकान प्राइवेट बैंक से लिए गए कर्ज के चलते गिरवी थे। रिश्तेदारों ने दुकान का कर्ज उत्तरवाया लेकिन मकान पर बकाया बना हुआ था। इलाके में यह भी चर्चाएं हैं कि स्थानीय सूदखोर घर आकर दबाव बनाते थे। इससे आर्थिक दवाव और मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा था। हालांकि पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। दंपती अपने पैतृक घर बच्चीनवाड़ हल्दूचौड़ में शिफ्ट होकर कर्जमुक्त की गई दुकान को चलाकर नई शुरुआत करने की सोच रहे थे।
 

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