Uttarakhand: गजराज की सवारी से वनराज के दीदार, CTR के बिजरानी और ढिकाला में जल्द शुरू होनी है हाथी सफारी
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सात साल बाद फिर से हाथी सफारी शुरू होने जा रही है। ढिकाला और बिजरानी जोन में हाथी सफारी होगी।
विस्तार
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में सात साल बाद फिर से हाथी सफारी शुरू होने जा रही है। ढिकाला और बिजरानी जोन में हाथी सफारी होगी। आठ किमी को दो-दो रूट में पर्यटक हाथी की सवारी कर ग्रासलैंड, नदी व जंगल में मौजूद वाइल्डलाइफ के दर्शन कर सकेंगे।
वर्ष 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथियों के व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगा दी थी। उसी आदेश के बाद यहां हाथी सफारी पूरी तरह बंद कर दी गई थी। पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में स्टे मिल गया था। इस पर स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड और विभागीय अधिकारियों ने नियमों और सुरक्षा प्रावधानों के साथ हाथी सफारी फिर से शुरू करने की अनुमति दी है।
पार्क प्रशासन के अनुसार हाथी सफारी सीटीआर के ढिकाला में दो व बिजरानी जोन में एक हाथी से कराई जाएगी। इसे सुबह व शाम जंगल सफारी के समय पर कराया जाएगा। दो से तीन घंटे तक हाथी सफारी कराई जाएगी।
एक बार में चार लोग कर सकेंगे हाथी सफारी
सीटीआर से मिली जानकारी के अनुसार, हाथी सफारी सुबह व शाम की पाली में कराई जाएगी। इसके लिए एक हाथी पर चार लोग ही सवार हो सकेंगे। इसमें भारतीय पर्यटकों के लिए 1000 जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 3000 रुपये का शुल्क रखा गया है।
नियमों के अनुसार, हाथी और जंगल सफारी का समय एक सामान रखा गया है। हाथी सफारी के लिए ढिकाला और बिजरानी जोन में करीब आठ किलोमीटर के दो-दो रूट खोजे गए हैं जिसमें ग्रासलैंड, नदी व जंगल मौजूद हैं। - डॉ. साकेत बडोला, निदेशक, सीटीआर