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Uttarakhand: नैनीताल पुलिस ने APK फाइल से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, चार शातिर युवक गिरफ्तार
अमर उजाला नेटवर्क, हल्द्वानी
Published by: हीरा मेहरा
Updated Mon, 17 Nov 2025 11:15 AM IST
सार
नैनीताल पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए लोगों को एपीके फाइल भेजता था, जिसे डाउनलोड करने पर उनका मोबाइल क्लोन हो जाता था। इसके बाद आरोपी पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे चोरी करते थे।
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सांकेतिक तस्वीर
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विस्तार
नैनीताल पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार युवकों को दबोचा है। 23 से 29 साल के ये युवा सोशल मीडिया के जरिये लोगों को एपीके फाइल भेजते थे। जैसे ही कोई यूजर इसे डाउनलोड करता तो उसका मोबाइल क्लोन हो जाता। इसके बाद आरोपी उस व्यक्ति की बैंक संबंधी जानकारी हासिल करते और उसके खाते से रकम चट कर जाते।
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एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि गिरोह के सदस्यों की उम्र भले ही कम है लेकिन ये सभी बेहद शातिर हैं। गिरोह का सदस्य पीयूष गोयल (23) तीन प्रतिशत कमीशन लेकर बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था। इसी कमीशन के तकरीबन नौ लाख रुपये के लिए शुक्रवार रात पीयूष गोयल, शुभम गुप्ता (29), ऋषभ कुमार (25) और मोहित राठी (25) का कार में विवाद हो रहा था। महज लड़ाई-झगड़ा मानकर चल रही पुलिस ने बैरियर पर कार को रोका तो उनके हाथ बड़ी सफलता लग गई। पुलिस ने साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया।
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इस तरह ठगी करते थे आरोपी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सोशल मीडिया पर एपीके फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते थे। पुलिस की पकड़ से दूर रहने के लिए आरोपी मोबाइल हैक करने के बाद बैंक अकाउंट में आने वाले लेनदेन की जानकारी लेकर ठगी की रकम विभिन्न म्यूल खातों में मंगाते थे जिन्हें ये होल्डर कहते।
महंगे फोन रखते हैं आरोपी
पुलिस को शुभम गुप्ता से सैमसंग गैलेक्सी फोल्ड 5, सैमसंग जेड फोल्ड और ओप्पो रेनो 6 प्रो मिला जबकि पीयूष गोयल से सैमसंग ए 22 और वीवो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद हुआ। मोहित राठी के पास आईफोन के साथ कीपैड वाला बेसिक मोबाइल मिला। ऋषभ से भी एप्पल का मोबाइल बरामद हुआ। इसके अलावा कार से तीन और महंगे मोबाइल व नौ सिम कार्ड मिले।
दो क्यूआर कोड की जांच जारी
पुलिस को आरोपियों के पास से तीन क्यूआर कोड मिले हैं। एक क्यूआर कोड से जुड़े बैंक अकाउंट से ही 3.37 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया। पुलिस अब दो अन्य क्यूआर कोड के जरिये पूरी कुंडली खंगालने में जुटी है।
फोरेंसिक लैब भेजेंगे मोबाइल सिम का होगा डाटा एनालिसिस
चारों आरोपियों से 11 मोबाइल फोन मिले हैं। इन्हें फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। सभी सिम का डाटा एनालिसिस भी होना है। आरोपियों के संपर्क के लोगों के साथ ही बैंक खातों के अलावा कई जानकारी सामने आ सकती है।
आरोपियों के पास से मिले सभी मोबाइल नंबरों की जानकारी साइबर सेल से मांगी गई है। साइबर फ्रॉड की शिकायत 1930 नंबर पर होती है। ऐसे में वहां से इन नंबरों पर हुई शिकायतों का पूरा ब्योरा मांगा गया है। इससे 66 आरोपियों ने किन-किन राज्यों में ठगी को अंजाम दिया है, इसकी जानकारी मिलेगी। डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी, नैनीताल
कोई 12वीं पास तो कोई है पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारक
चारों आरोपियों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से जुड़ी पूरी समझ है। शुभम पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारक है तो पीयूष गोयल 12वीं पास। ऋषभ के पास नर्सिंग की डिग्री है जबकि मोहित ग्रेजुएट है।