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Pithoragarh News: कलम की जगह पकड़ने पड़े बेलचे-फावड़े
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Wed, 03 Dec 2025 10:52 PM IST
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मुवानी (पिथौरागढ़)। कुछ कर-गुजरने की चाहत हो और सिस्टम का साथ न मिले खुद अपने लिए राहें तलाश करनी पड़ती हैं। यह पंक्तियां मुवानी महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर सही बैठती हैं। यहां के विद्यार्थियों ने भी कुछ ऐसा ही किया है। खेल मैदान के अभाव से जूझ रहे विद्यार्थियों को जब सिस्टम का साथ नहीं मिला तो उन्हें कलम की जगह हाथों में फावड़े और बेलचे पकड़ने पड़े। ऐसा कर विद्यार्थियों ने आपसी सहयोग से खेलकूद के लिए अभ्यास स्थल तैयार किया है। विद्यार्थियों ने ऐसा कर पूरे सिस्टम को भी आईना दिखाया है।
एसएसजे विश्वविद्यालय और एलएसएसम परिसर के अधीन राजकीय महाविद्यालय मुवानी के पास अपना स्थायी खेल मैदान नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मैदान के अभाव में विद्यार्थी न तो नियमित अभ्यास कर पा रहे हैं और न ही महाविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी। खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के दावों के बीच जब विद्यार्थियों को खेल मैदान की कमी खली तो इन्होंने सिस्टम को आईना दिखाने के लिए किताब-कलम के साथ ही फावड़े और बेलचे हाथों में उठा लिए। मेहनत रंग लाई और विद्यार्थियों ने आपसी सहयोग से खेलों के अभ्यास के लिए एक अस्थायी मैदान का निर्माण कर डाला। विद्यार्थियों ने श्रमदान से झाड़ियों की सफाई, जमीन समतल करने, पत्थर हटाने के बाद मैदान का निर्माण किया है। हालांकि विद्यार्थी सिस्टम की अनदेखी से आहत भी हैं।
बोले विद्यार्थी
महाविद्यालय में खेल मैदान न होने से दिक्कत हो रही है। विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने के लिए खेल मैदान जरूरी है। मैदान नहीं मिला तो सामूहिक प्रयास से हमने अभ्यास स्थल तैयार करना पड़ा है। - मोनिका चौसाली
महाविद्यालय में खेल मैदान होना चाहिए। मैदान नहीं बना तो हमें खुद फावड़े-बेचले उठाने पड़े। हमने खुद अभ्यास स्थल तैयार किया है। - दिनेश जोशी
कोट
महाविद्यालय के पास अपना खेल मैदान नहीं होने से विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि खेल मैदान का निर्माण किया जाता तो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विधार्थी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते थे। विद्यार्थियों ने खुद अभ्यास स्थल तैयार किया है जो सराहनीय है। - डॉ. गिरीश चंद्र पंत, प्राचार्य, मुवानी महाविद्यालय
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एसएसजे विश्वविद्यालय और एलएसएसम परिसर के अधीन राजकीय महाविद्यालय मुवानी के पास अपना स्थायी खेल मैदान नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मैदान के अभाव में विद्यार्थी न तो नियमित अभ्यास कर पा रहे हैं और न ही महाविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी। खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के दावों के बीच जब विद्यार्थियों को खेल मैदान की कमी खली तो इन्होंने सिस्टम को आईना दिखाने के लिए किताब-कलम के साथ ही फावड़े और बेलचे हाथों में उठा लिए। मेहनत रंग लाई और विद्यार्थियों ने आपसी सहयोग से खेलों के अभ्यास के लिए एक अस्थायी मैदान का निर्माण कर डाला। विद्यार्थियों ने श्रमदान से झाड़ियों की सफाई, जमीन समतल करने, पत्थर हटाने के बाद मैदान का निर्माण किया है। हालांकि विद्यार्थी सिस्टम की अनदेखी से आहत भी हैं।
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बोले विद्यार्थी
महाविद्यालय में खेल मैदान न होने से दिक्कत हो रही है। विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने के लिए खेल मैदान जरूरी है। मैदान नहीं मिला तो सामूहिक प्रयास से हमने अभ्यास स्थल तैयार करना पड़ा है। - मोनिका चौसाली
महाविद्यालय में खेल मैदान होना चाहिए। मैदान नहीं बना तो हमें खुद फावड़े-बेचले उठाने पड़े। हमने खुद अभ्यास स्थल तैयार किया है। - दिनेश जोशी
कोट
महाविद्यालय के पास अपना खेल मैदान नहीं होने से विद्यार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि खेल मैदान का निर्माण किया जाता तो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विधार्थी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते थे। विद्यार्थियों ने खुद अभ्यास स्थल तैयार किया है जो सराहनीय है। - डॉ. गिरीश चंद्र पंत, प्राचार्य, मुवानी महाविद्यालय