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Pithoragarh News: तहसील के नए भवन को हस्तांतरण का इंतजार
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Tue, 18 Nov 2025 11:35 PM IST
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कनालीछीना के कुलान में बना तहसील का नया भवन। संवाद
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कनालीछीना(पिथौरागढ़)। कनालीछीना में आम जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे कर 2.36 करोड़ से बने तहसील भवन को हस्तांतरण का इंतजार है। बनकर तैयार हो चुके इस भवन का हस्तांतरण न होने से यह जर्जर हो रहा है और लोग अस्पताल भवन में संचालित तहसील में बदहाल व्यवस्थाओं की मार सह रहे हैं। तहसील के नए भवन के हस्तांतरण के लिए ग्रामीण निर्माण और राजस्व विभाग आमने-सामने हैं। ग्रामीण निर्माण विभाग का कहना है कि तहसील भवन के हस्तांतरण के लिए पत्र भेजा गया है जबकि राजस्व विभाग का कहना है कि अब तक निर्माण कार्य अधूरा है।
राज्य गठन के चार साल बाद वर्ष 2004 में कनालीछीना को उप तहसील जबकि वर्ष 2014 में तहसील का दर्जा मिला। तब पीएचसी के पुराने और जर्जर भवन में तहसील का संचालन शुरू हुआ। दो साल पूर्व 2.36 करोड़ रुपये से मुख्य बाजार से दो किलोमीटर दूर कुलान में तहसील के नए भवन का निर्माण शुरू किया गया। लोगों को उम्मीद थी जल्द ही तहसील भवन अस्तित्व में आएगा और उन्हें पीएचसी के पुराने भवन में अव्यवस्थाओं के बीच काम नहीं करवाना होगा। लोगों की यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ पा रही है।
नए तहसील भवन का करीब एक साल पहले निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसमें तहसील शिफ्ट न होने से यह भवन जर्जर होने लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है और जंगल के बीच बना यह भवन हस्तांतरण का इंतजार कर रहा है। हैरानी है कि कार्यदायी संस्था निर्माण कार्य पूरा होकर इसके हस्तांतरण के लिए लंबे समय पहले राजस्व विभाग को पत्र भेजने की बात कर रही है। वहीं राजस्व विभाग अब भी निर्माण कार्य पूरा न होने का हवाला देकर इसे अपने अधीन लेने से हाथ पीछे खींच रहा है। ऐसे में दोनों विभागों की आपसी खींचतान से करोड़ों से बना तहसील भवन जर्जर होने की कगार पर खड़ा है। संवाद
पीएचसी के पुराने भवन में व्यवस्थाओं का अभाव
पीएचसी के पुराने जर्जर भवन में व्यवस्थाओं का अभाव है। यहां न तो काम से पहुंचने वाले लोगों के बैठने की उचित व्यवस्था है और न पीने के लिए पानी। शौचालय की व्यवस्था न होने से तहसील पहुंचे लोगों खासकर महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि यदि नए भवन में तहसील का संचालन होता हो उन्हें सुविधाएं भी मिलतीं।
बोले लोग
करोड़ों से बने भवन में तहसील का शिफ्ट न होना गंभीर है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। जनता की सुविधा के लिए बने भवन में तहसील का जल्द संचालन होना चाहिए। - शिवराज भंडारी, कनालीछीना
पीएचसी के पुराने भवन में संचालित तहसील में अव्यवस्थाएं हैं। इससे यहां पहुंचने वाले लोगों के साथ ही अधिकाराी, कर्मचारी भी परेशान हैं। शासन-प्रशासन को तुरंत मामले का संज्ञान लेकर तहसील को नए भवन में शिफ्ट करना चाहिए। - दीपक पांडे, गुड़ौली
कोट
तहसील भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हस्तांतरण के लिए राजस्व विभाग को पत्र भी भेजा गया है। विभाग इस भवन के हस्तांतरण के लिए तैयार है।
- नितिन पांडे, एई, ग्रामीण निर्माण विभाग, डीडीहाट
कोट
तहसील के नए भवन में अब भी निर्माण कार्य अधूरा है। बिजली, पानी की व्यवस्था करनी है। इसके लिए ग्रामीण निर्माण विभाग को पत्राचार किया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी इसका हस्तांतरण संभव है। - राम प्रसाद, तहसीलदार, कनालीछीना
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राज्य गठन के चार साल बाद वर्ष 2004 में कनालीछीना को उप तहसील जबकि वर्ष 2014 में तहसील का दर्जा मिला। तब पीएचसी के पुराने और जर्जर भवन में तहसील का संचालन शुरू हुआ। दो साल पूर्व 2.36 करोड़ रुपये से मुख्य बाजार से दो किलोमीटर दूर कुलान में तहसील के नए भवन का निर्माण शुरू किया गया। लोगों को उम्मीद थी जल्द ही तहसील भवन अस्तित्व में आएगा और उन्हें पीएचसी के पुराने भवन में अव्यवस्थाओं के बीच काम नहीं करवाना होगा। लोगों की यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ पा रही है।
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नए तहसील भवन का करीब एक साल पहले निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसमें तहसील शिफ्ट न होने से यह भवन जर्जर होने लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है और जंगल के बीच बना यह भवन हस्तांतरण का इंतजार कर रहा है। हैरानी है कि कार्यदायी संस्था निर्माण कार्य पूरा होकर इसके हस्तांतरण के लिए लंबे समय पहले राजस्व विभाग को पत्र भेजने की बात कर रही है। वहीं राजस्व विभाग अब भी निर्माण कार्य पूरा न होने का हवाला देकर इसे अपने अधीन लेने से हाथ पीछे खींच रहा है। ऐसे में दोनों विभागों की आपसी खींचतान से करोड़ों से बना तहसील भवन जर्जर होने की कगार पर खड़ा है। संवाद
पीएचसी के पुराने भवन में व्यवस्थाओं का अभाव
पीएचसी के पुराने जर्जर भवन में व्यवस्थाओं का अभाव है। यहां न तो काम से पहुंचने वाले लोगों के बैठने की उचित व्यवस्था है और न पीने के लिए पानी। शौचालय की व्यवस्था न होने से तहसील पहुंचे लोगों खासकर महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि यदि नए भवन में तहसील का संचालन होता हो उन्हें सुविधाएं भी मिलतीं।
बोले लोग
करोड़ों से बने भवन में तहसील का शिफ्ट न होना गंभीर है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। जनता की सुविधा के लिए बने भवन में तहसील का जल्द संचालन होना चाहिए। - शिवराज भंडारी, कनालीछीना
पीएचसी के पुराने भवन में संचालित तहसील में अव्यवस्थाएं हैं। इससे यहां पहुंचने वाले लोगों के साथ ही अधिकाराी, कर्मचारी भी परेशान हैं। शासन-प्रशासन को तुरंत मामले का संज्ञान लेकर तहसील को नए भवन में शिफ्ट करना चाहिए। - दीपक पांडे, गुड़ौली
कोट
तहसील भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हस्तांतरण के लिए राजस्व विभाग को पत्र भी भेजा गया है। विभाग इस भवन के हस्तांतरण के लिए तैयार है।
- नितिन पांडे, एई, ग्रामीण निर्माण विभाग, डीडीहाट
कोट
तहसील के नए भवन में अब भी निर्माण कार्य अधूरा है। बिजली, पानी की व्यवस्था करनी है। इसके लिए ग्रामीण निर्माण विभाग को पत्राचार किया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी इसका हस्तांतरण संभव है। - राम प्रसाद, तहसीलदार, कनालीछीना