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Pithoragarh News: पुल की मांग पर 40 किमी दूर पहुंच महिलाओं ने दिया धरना
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Thu, 11 Dec 2025 11:00 PM IST
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पिथौरागढ़ कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठीं क्वारबन की महिलाएं। संवाद
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पिथौरागढ़। बेलतड़ी-क्वारबन सड़क पर पुल निर्माण की मांग पर क्षेत्र की महिलाएं भी 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचीं और धरना दिया। कहा कि सड़क पर बगैर पुल के वाहनों की आवाजाही कैसे होगी, सरकार को इसका जवाब देना होगा। धरने पर बैठे विधायक मयूख महर ने कहा कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
क्वारबन के ग्रामीण चौथे दिन भी पुल की मांग पर कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर डटे रहे। गांव की महिलाएं भी कलक्ट्रेट पहुंचीं और धरना दिया। उन्होंने कहा कि बमुश्किल उनके गांव तक सड़क पहुंची। उम्मीद थी कि अब बीमारों और गर्भवतियों को डोली के सहारे अस्पताल नहीं पहुंचाना होगा। गांव तक सड़क तो बनाई गई लेकिन गधेरे में पुल न होने से इसका कोई औचित्य नहीं है। सड़क बनने के बाद भी हालात जस के तस हैं। कहा कि अब वे सरकार और प्रशासन की झूठी बातों में नहीं आएंगी। जब तक सड़क पर वाहनों का संचालन नहीं होगा वह घर का कामकाज छोड़कर आंदोलन पर डटी रहेंगी।
धरने पर बैठे विधायक मयूख महर ने कहा कि सूत्रों से मालूम चला है कि अब विभाग नई सड़क के लिए सर्वे कर रहा है। कहा कि उनका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ गांव तक सड़क और इस पर वाहनों का संचालन होना आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य है। गांव तक वाहन पहुंचने तक आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिक संगठन ने भी क्वारबन के ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया। धरना देने वालों में रेनू, सुधा सौन, माया देवी, तुलसी देवी, दीपा देवी, लक्ष्मी मेहता, लीला बिष्ट, निर्मला देवी, अंजलि ऐर, हेमा रावत, मयूख भट्ट शामिल रहे।
धरनास्थल के फर्श पर तेल डालने का आरोप
धरनास्थल पर बिछी टाइल में तेल डाला गया है जो साफ नजर आ रहा है। विधायक मयूख महर और अन्य आंदोलनकारियों ने प्रशासन पर धरनास्थल के फर्श पर तेल डालने का आरोप लगाया है। कहा कि सरकार और प्रशासन नहीं चाहता कि यह आंदोलन सफल हो। आंदोलनकारियों को धरनास्थल से भगाने के लिए ऐसा कृत्य किया गया है जो निंदनीय है।
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क्वारबन के ग्रामीण चौथे दिन भी पुल की मांग पर कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर डटे रहे। गांव की महिलाएं भी कलक्ट्रेट पहुंचीं और धरना दिया। उन्होंने कहा कि बमुश्किल उनके गांव तक सड़क पहुंची। उम्मीद थी कि अब बीमारों और गर्भवतियों को डोली के सहारे अस्पताल नहीं पहुंचाना होगा। गांव तक सड़क तो बनाई गई लेकिन गधेरे में पुल न होने से इसका कोई औचित्य नहीं है। सड़क बनने के बाद भी हालात जस के तस हैं। कहा कि अब वे सरकार और प्रशासन की झूठी बातों में नहीं आएंगी। जब तक सड़क पर वाहनों का संचालन नहीं होगा वह घर का कामकाज छोड़कर आंदोलन पर डटी रहेंगी।
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धरने पर बैठे विधायक मयूख महर ने कहा कि सूत्रों से मालूम चला है कि अब विभाग नई सड़क के लिए सर्वे कर रहा है। कहा कि उनका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ गांव तक सड़क और इस पर वाहनों का संचालन होना आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य है। गांव तक वाहन पहुंचने तक आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व सैनिक संगठन ने भी क्वारबन के ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया। धरना देने वालों में रेनू, सुधा सौन, माया देवी, तुलसी देवी, दीपा देवी, लक्ष्मी मेहता, लीला बिष्ट, निर्मला देवी, अंजलि ऐर, हेमा रावत, मयूख भट्ट शामिल रहे।
धरनास्थल के फर्श पर तेल डालने का आरोप
धरनास्थल पर बिछी टाइल में तेल डाला गया है जो साफ नजर आ रहा है। विधायक मयूख महर और अन्य आंदोलनकारियों ने प्रशासन पर धरनास्थल के फर्श पर तेल डालने का आरोप लगाया है। कहा कि सरकार और प्रशासन नहीं चाहता कि यह आंदोलन सफल हो। आंदोलनकारियों को धरनास्थल से भगाने के लिए ऐसा कृत्य किया गया है जो निंदनीय है।

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