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Tehri News: बीज और बिजली विधेयक की किसान सभा ने जताई प्रतियां
संवाद न्यूज एजेंसी, टिहरी
Updated Mon, 08 Dec 2025 07:03 PM IST
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नई टिहरी। किसान सभा और सीटू के टिहरी शाखा से जुड़े लोगों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किरगणी गांव और बौराड़ी में प्रस्तावित बीज और बिजली विधेयक की प्रतियां जलाकर विरोध जताया है।
उत्तराखंड किसान सभा के उपाध्यक्ष भगवान सिंह राणा ने कहा कि बीज और बिजली विधेयक किसान और जनता विरोधी है। केंद्र सरकार बीज क्षेत्र को उद्योगपतियों के हवाले कर किसानों के अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है। बिजली के निजीकरण को बढ़ावा देने से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दोनों विधेयक लाकर सरकार राज्य के संघीय अधिकारों पर हमला कर निजीकरण को बढ़ावा देने के काम में लगी है।
उन्होंने कहा कि देश में गहराते कृषि संकट के समय भाजपा सरकार और आरएसएस उद्योगपतियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। विधेयकों के आने से छोटे किसान और कृषि क्षेत्र प्रभावित होगा, किसानों पर इसकी मार पड़ेगी। सरकार जब तक किसान विरोध विधेयकों को वापस नहीं ले लेती किसान सभा और सीटू इसका विरोध जारी रखेगा। इस मौके पर जिला सचिव कृपाल सिंह कठैत, जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह, कृष्णा कठैत, गीता कठैत, सफर सिंह नेगी, सीटू जिला सचिव चिंतामणी थपलियाल, श्रीपाल चौहान आदि मौजूद थे। संवाद
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उत्तराखंड किसान सभा के उपाध्यक्ष भगवान सिंह राणा ने कहा कि बीज और बिजली विधेयक किसान और जनता विरोधी है। केंद्र सरकार बीज क्षेत्र को उद्योगपतियों के हवाले कर किसानों के अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है। बिजली के निजीकरण को बढ़ावा देने से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दोनों विधेयक लाकर सरकार राज्य के संघीय अधिकारों पर हमला कर निजीकरण को बढ़ावा देने के काम में लगी है।
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उन्होंने कहा कि देश में गहराते कृषि संकट के समय भाजपा सरकार और आरएसएस उद्योगपतियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। विधेयकों के आने से छोटे किसान और कृषि क्षेत्र प्रभावित होगा, किसानों पर इसकी मार पड़ेगी। सरकार जब तक किसान विरोध विधेयकों को वापस नहीं ले लेती किसान सभा और सीटू इसका विरोध जारी रखेगा। इस मौके पर जिला सचिव कृपाल सिंह कठैत, जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह, कृष्णा कठैत, गीता कठैत, सफर सिंह नेगी, सीटू जिला सचिव चिंतामणी थपलियाल, श्रीपाल चौहान आदि मौजूद थे। संवाद