Uk: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, बूढ़े बाप काे बिना बिस्तर बरामदे में छोड़ा
रुद्रपुर में पूस की रात में इंसानियत का सीना चीरती बुजुर्ग की वेदना ने लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। वसुंधरा कॉलोनी में एक घर की चहारदीवारी बेबस बूढ़े बाप के लिए छोटी पड़ गई।
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रुद्रपुर में पूस की रात में इंसानियत का सीना चीरती बुजुर्ग की वेदना ने लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। वसुंधरा कॉलोनी में एक घर की चहारदीवारी बेबस बूढ़े बाप के लिए छोटी पड़ गई। उम्र के इस पड़ाव पर बरामदे में बिना बिस्तर पड़े हुए उनकी कांपती आवाज रिश्तों की गर्माहट बेअसर होने की गवाही देती रही।
पूस की रात के सन्नाटे में सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो सामने आए तो शहर बेचैन हो उठा। रात करीब 11 बजे नगर निगम के मेयर विकास शर्मा और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घर के बाहर गैलरी में पड़ी चारपाई पर एक बुजुर्ग लेटे थे। हवा से बचाने के नाम पर एक पतली चादर लटकी थी जो लगभग 10 डिग्री तापमान में सर्द हवाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रही थी। बुजुर्ग ठिठुर रहे थे, जैसे शब्द उनके होंठों पर ही जम गए हों। बेबसी और बेचैनी इस कदर थी कि चारपाई के नीचे ही उन्होंने लघुशंका कर रखी थी। ऐसे दृश्य ने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं।
मेयर और पुलिस ने जब परिवार के मुखिया यानी बुजुर्ग के पुत्र से सवाल किए तो माहौल भारी और तल्ख हो गया। कड़कड़ाती ठंड में पिता को घर से बाहर छोड़ देने पर सबने नाराजगी जताई गई। सवालों के जवाब में पुत्र का तर्क था कि बुजुर्ग पिता को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं और उन्हें खुले में रहना पसंद है। इस तर्क को बूढ़े बेबस बाप ने कांपते स्वर झुठला रहे थे। वह एक ही बात दोहरा रहे थे कि ठंड लग रही है। काफी देर तक हंगामा होता रहा। बाद में बुजुर्ग को घर के भीतर ले जाया गया। वसुंधरा कॉलोनी की यह घटना मानवता और सामाजिक संवेदनाओं को झकझोर गई।
बुजुर्ग को घर के बाहर छोड़ने की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम भेजी गई थी। इस दाैरान मेयर भी माैके पर पहुंच गए थे। घरवालों से बातचीत के बाद उन्हें कमरे में सुलाया गया। -मणिकांत मिश्रा, एसएसपी
परिवारजन बुजुर्ग को घर के भीतर ले जाने को तब राजी हुए, जब उन्हें वृद्धाश्रम पहुंचाने की बात कही गई। उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जाएगी। जरूरत पड़ी तो हरसंभव मदद करेंगे। -विकास शर्मा, मेयर

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