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Uttarkashi News: मामूली बीमारी के इलाज के लिए भी हिमाचल के अस्पतालों पर निर्भर
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Sat, 20 Dec 2025 07:41 PM IST
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मोरी ब्लॉक के आराकोट बंगाण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं लोग
बहुद्देशीय शिविर में उठाई लोगों ने मांग, जिलाधिकारी ने सुनी समस्याएं
उत्तरकाशी। मोरी विकासखंड के आराकोट बंगाण क्षेत्र के लोगों को आज भी मामूली इलाज के लिए हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। ग्राम प्रधान आराकोट निर्मला राणा का कहना है कि एक व्यक्ति को डायरिया होने पर उसे उपचार के लिए रोहडू जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं और डॉक्टर और स्टाफ की कमी के कारण लोगों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।
शनिवार को आराकोट में बहुद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया। वहां पर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख रणदेव राणा की मौजूदगी में स्थानीय लोगों की समस्याओं की सुनवाई की गई। शिविर में प्रधान निर्मला राणा का कहना है कि उनका एक सेब के बागीचे में काम करने वाला नेपाली मूल का मजदूर भालू के हमले में घायल हो गया था।
इस दौरान जब इलाज के लिए त्यूणी सहित मोरी में उपचार की सुविधा नहीं मिल पाई तो उन्हें उस व्यक्ति को हिमाचल प्रदेश ले जाना पड़ा। शिविर में कुल 133 लिखित शिकायतें दर्ज की गई लेकिन जिलाधिकारी प्रशांत आर्य की अध्यक्षता में मात्र 20 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। न्याय पंचायत आराकोट में आयोजित शिविर में राजस्व विभाग की ओर से दस जाति प्रमाण पत्र, 20 स्थायी प्रमाण पत्र आदि बनाए गए।
इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख रणदेव सिंह राणा, कनिष्ठ उप प्रमुख कमलेश रावत, ग्राम प्रधान आराकोट निर्मला राणा, उपजिलाधिकारी पुरोला मुकेश चन्द रमोला, पीडी अजय सिंह, सीवीओ एचएस बिष्ट, सीएओ एसएस वर्मा, न्याय पंचायत आराकोट नोडल अधिकारी योगेंद्र सिंह, खंड विकास अधिकारी मोरी शशिभूषण बिंजोला आदि मौजूद रहे।
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उत्तरकाशी। मोरी विकासखंड के आराकोट बंगाण क्षेत्र के लोगों को आज भी मामूली इलाज के लिए हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। ग्राम प्रधान आराकोट निर्मला राणा का कहना है कि एक व्यक्ति को डायरिया होने पर उसे उपचार के लिए रोहडू जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं और डॉक्टर और स्टाफ की कमी के कारण लोगों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।
शनिवार को आराकोट में बहुद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया। वहां पर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख रणदेव राणा की मौजूदगी में स्थानीय लोगों की समस्याओं की सुनवाई की गई। शिविर में प्रधान निर्मला राणा का कहना है कि उनका एक सेब के बागीचे में काम करने वाला नेपाली मूल का मजदूर भालू के हमले में घायल हो गया था।
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इस दौरान जब इलाज के लिए त्यूणी सहित मोरी में उपचार की सुविधा नहीं मिल पाई तो उन्हें उस व्यक्ति को हिमाचल प्रदेश ले जाना पड़ा। शिविर में कुल 133 लिखित शिकायतें दर्ज की गई लेकिन जिलाधिकारी प्रशांत आर्य की अध्यक्षता में मात्र 20 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। न्याय पंचायत आराकोट में आयोजित शिविर में राजस्व विभाग की ओर से दस जाति प्रमाण पत्र, 20 स्थायी प्रमाण पत्र आदि बनाए गए।
इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख रणदेव सिंह राणा, कनिष्ठ उप प्रमुख कमलेश रावत, ग्राम प्रधान आराकोट निर्मला राणा, उपजिलाधिकारी पुरोला मुकेश चन्द रमोला, पीडी अजय सिंह, सीवीओ एचएस बिष्ट, सीएओ एसएस वर्मा, न्याय पंचायत आराकोट नोडल अधिकारी योगेंद्र सिंह, खंड विकास अधिकारी मोरी शशिभूषण बिंजोला आदि मौजूद रहे।

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