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Mandi: सज्याओ और धाड़ता में बस सेवाएं और पेयजल संकट, जनता बेहाल
सज्याओ और धाड़ता क्षेत्र में लंबे समय से परिवहन और पेयजल सुविधाओं की भारी कमी से जनता परेशान है। क्षेत्र में कई बस रूट बंद पड़े हैं और बीते कुछ दिनों से पीने के पानी की समस्या भी गंभीर हो गई है। रोजमर्रा की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध न होने से लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए संबंधित विभागों और विधायक को जिम्मेदार ठहराते हुए लापरवाही और उदासीनता का आरोप लगाया है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सज्याओ क्षेत्र के गांव अंसवाई के लिए पहले दिन में तीन बसें अलग-अलग समय पर चलती थीं, लेकिन अब ये सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कई बार यात्रियों को जंगल क्षेत्र में ही उतार दिया जाता है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुबह 7.45 बजे सरकाघाट से अंसवाई, 9.15 बजे कमलाह से गरली, दोपहर 2.30 बजे सरकाघाट से गरली वाया रोसो, चंदपुर, अवहदेवी, बल्याणा, संधोल, मैगल-मंडप, तपौण, खरौट तथा दोपहर 3.10 बजे धर्मपुर से रिकांगपिओ सहित दो दर्जन से अधिक बस रूट लंबे समय से या तो बंद हैं या बाधित चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि चस्वाल, भड्डू, अंसवाई, घरवादसड़ा और डरवाड़ होते हुए सरकाघाट-मंडी जाने वाली सुबह की बस अब एक घंटे देरी से आती है और चस्वाल के बजाय सीधे सरकाघाट से ही चल रही है। इस समस्या को लेकर विधायक और पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन हर बार बसों और स्टाफ की कमी का हवाला देकर बात टाल दी जाती है। पिछले तीन वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है। भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार और विधायक के कार्यकाल में हालात और खराब हुए हैं। न तो कोई नया बस रूट शुरू हुआ और न ही पहले से चल रहे रूटों को बहाल किया गया। लोगों में इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है और वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। बस सेवाओं के साथ-साथ अब सज्याओ और धाड़ता क्षेत्र में पेयजल संकट भी गहरा गया है। जबकि दावा किया जाता रहा है कि पिछली सरकार के समय अरबों रुपये की पेयजल योजनाएं बनाई गई थीं और भविष्य में पानी की कोई समस्या नहीं रहेगी, लेकिन योजनाओं के संचालन में लापरवाही के कारण लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। जो थोड़ी बहुत आपूर्ति हो रही है, उसमें भी जलशक्ति विभाग के स्थानीय कर्मचारियों पर मनमाने वितरण के आरोप लग रहे हैं। विभाग की ओर से कोई सख्त निगरानी नहीं होने के कारण स्थिति और बिगड़ती जा रही है। पूर्व पार्षद ने कहा कि यही हाल स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों और सिंचाई की अधूरी योजनाओं का है, जिनका निर्माण कार्य पिछले तीन वर्षों से ठप पड़ा है। उन्होंने मांग की कि जनता की मूलभूत समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए बस सेवाएं बहाल की जाएं, पेयजल आपूर्ति सुचारू की जाए और अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाए।
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