शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर करिए प्रभु बांके बिहारी के दर्शन। संगीत गुरु हरिदास की भक्ति की भावनाओं का मंदिर है बांके बिहारी मंदिर। वृंदावन का ये मंदिर देश का इकलौता ऐसा मंदिर जहां पर भगवान ने अपना विग्रह अपने भक्त को खुद सौंपा। बांके बिहारी के इस मंदिर में मंगला आरती नहीं होती। मंगला आरती यानी सूर्योदय से पहले होने वाली आरती। संत हरिदास कहते थे कि कान्हा मेरा लाला है और लाला को सुबह सुबह जगाना ठीक नहीं। इसलिए सिर्फ इसी एक मंदिर में भगवान की मंगला आरती नहीं होती।
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