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Bihar Election 2025: Politics erupts over 'Bihar's stunning pledge', Ashok Gehlot gives this reply!
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Bihar Election 2025: 'बिहार का तेजस्वी प्रण' पर छिड़ी सियासी, अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 29 Oct 2025 12:53 AM IST
महागठबंधन के नेताओं ने 'तेजस्वी प्रण' को दलों और दिलों का संकल्प बताया है, जो बिहार को बदलने का एक दृढ़ निश्चय है। उनके अनुसार, यह महज़ घोषणाएँ नहीं, बल्कि बिहार को नंबर-1 राज्य बनाने की कार्ययोजना है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि सत्ता में आने पर वह हर एक वादे को प्राण देकर भी पूरा करेंगे। उन्होंने कहा है कि उनका लक्ष्य सरकार बनाना नहीं, बल्कि बिहार बनाना है। घोषणा पत्र में प्रमुख वादे जैसे कि सरकारी नौकरियों, पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्तों को दोगुना करने, पेंशन, और 200 यूनिट मुफ्त बिजली के माध्यम से उन्होंने सीधे तौर पर जनता से जुड़ने की कोशिश की है। वे लगातार एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, अपराध और अफसरशाही के लिए हमलावर रहे हैं और बिहार की जनता से बदलाव लाने का आह्वान कर रहे हैं।
सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के नेताओं ने 'तेजस्वी प्रण' पर कड़ा रुख अपनाया है और इसे हवा-हवाई वादे बताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर भ्रामक घोषणाएँ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि जब उनकी (राजद की) सरकार 15 साल तक सत्ता में थी, तो उन्होंने युवाओं के हित में कोई काम नहीं किया और राज्य का खजाना लूटने में व्यस्त रहे। नीतीश कुमार ने अपनी सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार और किए गए अन्य कार्यों को गिनाते हुए जनता को किसी भ्रम में न रहने की सलाह दी। वहीं, भाजपा के नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के नायक वाले पोस्टर पर तंज़ कसते हुए कहा कि बिहार का एकमात्र जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर हैं और उनकी नकल करने वालों को जनता स्वीकार नहीं करेगी। एनडीए ने महागठबंधन पर अतीत के 'जंगलराज' की याद दिलाकर, उनके वादों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। 'तेजस्वी प्रण' को महागठबंधन ने बदलाव और विकास का संकल्प बताया है, जबकि एनडीए ने इसे अवसरवादी और भ्रामक वादों का पुलिंदा कहकर खारिज कर दिया है।
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