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Israel Attack on Yeman:यमन के हुदेदा बंदरगाह पर इस्राइल का हमला,एयर डिफेंस सिस्टम को हुआ नुकसान
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: साहिल सुयाल Updated Wed, 17 Sep 2025 10:17 PM IST
यमन का होदेदा बंदरगाह, लाल सागर के किनारे बसा वह इलाका जो न केवल व्यापार का अहम रास्ता है, बल्कि भू-राजनीतिक खींचतान का भी केंद्र बन चुका है। बीते हफ्ते यहां धुएं के बादल उठे, जब इस्राइल ने हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इस बंदरगाह पर हवाई हमला किया। यह हमला उस समय हुआ, जब हूती विद्रोही पहले से ही अपनी वायु-रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर चुके थे।इस्राइली सेना ने दावा किया कि उसने ‘सैन्य ढांचे’ को निशाना बनाया—वे ठिकाने, जहां से हूती विद्रोही कथित तौर पर ईरान की मदद से हथियार मंगवाते और आगे हमले की योजना बनाते थे। लेकिन हूती पक्ष का दावा अलग था। उनके प्रवक्ता यहया सारी ने कहा कि उनकी एयर डिफेंस ने इस्राइली विमानों को चुनौती दी और कुछ को यमन की वायुसीमा से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। यानी यमन की इस जंग में आसमान भी अब एक अखाड़ा बन चुका है।
होदेदा पर हमला ऐसे समय में हुआ, जब सना की गलियों में मातम पसरा था। पिछले हफ्ते हुए इस्राइली हमले में 31 लोग मारे गए थे। बारिश से भीगी सड़कों पर शवयात्राएं निकलीं, मस्जिदों में नमाज-ए-जनाजा हुई और हर कोई यही कह रहा था—यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। पत्रकार, आम नागरिक और सरकारी कर्मचारी कोई सुरक्षित नहीं रहा। ह्यूमन राइट्स वॉच और कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने चिंता जताई। उनका कहना था कि पत्रकारों के लिए यमन पहले ही खतरनाक जगह था, अब तो हालात और भी बदतर हो गए हैं। मीडिया केंद्र, अखबारों के दफ्तर और सूचना प्रसारण संस्थान इस हमले की चपेट में आ चुके हैं। सवाल यह है कि जब पत्रकारों की आवाज़ तक को खामोश करने की कोशिश हो रही है, तो दुनिया तक सही जानकारी कैसे पहुंचेगी?
हूती विद्रोही केवल यमन की आंतरिक राजनीति का हिस्सा नहीं हैं। पिछले दो साल से वे इस्राइल और उसके सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं। मिसाइलें, ड्रोन और समुद्री हमले—हर हथियार का इस्तेमाल हो रहा है। लाल सागर में कई बार व्यापारिक जहाज हमलों का शिकार बने।
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