मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सोमवार शाम को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक बेकाबू ट्रक शहर की सड़कों पर मौत बनकर दौड़ा। एयरपोर्ट रोड पर हुए इस दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और मामले में जांच का आश्वासन दिया।
हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया। वो इंदौर पहुंचे और अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर शिवम वर्मा को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पीड़ित संदीप बिजवा और अनिल नामदेव से बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है। अधिकारियों को तत्काल मौके पर जांच के लिए भेजा गया है। जो भी इस घटना के लिए दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इंदौर की दुखद घटना पर सीएम मोहन यादव ने मृतकों के परिवारों के लिए 4-4 लाख रुपये और घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
हादसे के बाद पुलिस जांच में जुटी। पुलिस जांच में सामने आया है कि ट्रक का ड्राइवर न केवल रास्ता भटका हुआ था, बल्कि शराब के नशे में भी धुत था। उसने शहर के नो-एंट्री जोन में ट्रक घुसा दिया और जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वह भागने लगा, जिसके चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ। पुलिस के अनुसार, ट्रक नंबर MP 09 ZP 4069 जैन ट्रांसपोर्ट का है, जो सांवेर रोड से गत्ते भरकर पोलो ग्राउंड के लिए निकला था।
ड्राइवर रास्ता भूल गया और सुपर कॉरिडोर से एयरपोर्ट रोड की तरफ आ गया। यह वह समय था जब शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित यानी नो-एंट्री रहता है। कालानी नगर के पास पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन ड्राइवर ने ट्रक की रफ्तार बढ़ा दी और वहां से भाग निकला। इसी लापरवाही के कारण ट्रक मौत बनकर सड़क पर दौड़ता रहा।