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Lord Jagannath Rath Yatra: Former MNC engineers take up the responsibility of Adani-ISKCON initiative!
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Lord Jagannath Rath Yatra: MNC के पूर्व इंजीनियरों ने अदाणी-इस्कॉन की पहल का उठाया जिम्मा!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sat, 05 Jul 2025 09:36 PM IST
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ओडिशा के पुरी में इन दिनों भगवान जगन्नाथ यात्रा की धूम है। पुरी में लाखों श्रद्धालु, भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी खींच रहे हैं। पुरी की हर गली और सड़क पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। ऐसे में इस्कॉन द्वारा अदाणी समूह के साथ मिलकर पुरी में एक ऐसा 'किचन' स्थापित किया गया है, जहां पर यात्रा के दौरान 40 लाख श्रद्धालुओं को खाना खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य, इस्कॉन से जुड़े एमएनसी के दो पूर्व इंजीनियरों ने सैट किया है। वे रोजाना तीन से चार लाख श्रद्धालुओं तक भोजन और जूस पहुंचा रहे हैं। इसके लिए 21 जगहों पर भोजन वितरित करने के प्वाइंट तय किए गए हैं। साथ ही मुख्य किचन, जहां विशालकाय बर्तनों में खाना तैयार किया जाता है, वहां तो सारा दिन ही भंडारा चलता रहता है।
किचन' के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले इस्कॉन के संत बलि मुरारी दास कहते हैं, ये भगवान जगन्नाथ का ही आशीर्वाद है, जिसके चलते वे अपने लक्ष्य को पूरा करने की तरफ बढ़ रहे हैं। बता दें कि मुरारी दास ने 2012 में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया था। उसके बाद उन्होंने रोबोटिक स्टार्टअप पर काम किया। दो वर्ष बाद वे इस्कॉन के साथ जुड़ गए। उसके बाद वे नियमित तौर पर इस तरह के मानवीय कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। वैसे भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों लोग 'पुरी' में पहुंचते हैं। देश विदेश से भी यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है। ऐसे धार्मिक माहौल में जरुरी है कि श्रद्धालुओं को सात्विक और स्वच्छ यानी हाइजेनिक भोजन उपलब्ध हो। इस मकसद को ध्यान में रखकर ही पुरी में इस्कॉन एवं अदाणी समूह द्वारा 'किचन' स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। यात्रा के दौरान आम जनता के अलावा, पुरी में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रहती है। वे 24 घंटे अपनी ड्यूटी पर खड़े रहते हैं। ऐसे में उनके लिए भी 'किचन' की तरफ से पेय पदार्थ यानी जूस, नियमित तौर पर भिजवाया जा रहा है।
अगर केवल जूस की बात करें तो रोजाना चार लाख से अधिक पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को निशुल्क दाल, चावल, सब्जी, चपाती और मिठाई व जूस उपलब्ध कराया जाता है। 24 घंटे चलने वाले किचन में चार सौ वालंटियर काम करते हैं। करीब पांच हजार मोबाइल वालंटियर भी हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर जूस व भोजन वितरित करते हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और दूसरे ऐसे ही सार्वजनिक स्थानों पर इस्कॉन व अदाणी समूह के वालंटियर लगाए गए हैं। पुरी में मौजूद इस्कॉन के संत गोपीनाथ दास, जो दिल्ली के द्वारका से यहां पहुंचे हैं, बताते हैं, हमारा मकसद है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए जो भी व्यक्ति पुरी में आता है, वह खाली पेट न रहे। इसके लिए विशाल 'किचन' स्थापित किया गया है। बता दें कि गोपीनाथ ने महाकुंभ के दौरान इस तरह की व्यवस्था को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। गोपीनाथ ने एमबीए/एमसीए किया है।
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