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पीएम मोदी ने पुतिन को भेंट की रूसी भाषा में लिखी गीता
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Fri, 05 Dec 2025 03:06 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात में इस बार कूटनीति के साथ एक विशेष सांस्कृतिक गर्माहट भी देखने को मिली। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में अनुवादित भगवद्गीता की प्रति भेंट की, जिसने भारत-रूस संबंधों में एक नई आध्यात्मिक परत जोड़ दी। यह भेंट सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि भारतीय दर्शन, जीवन मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक थी, जो दोनों देशों की पुरानी मित्रता को और अधिक गहराई देती है।
पीएम मोदी ने कहा कि भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन देने वाली अमूल्य शिक्षा है, जिसका संदेश दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि गीता हर युग में मानवता को दिशा दिखाने का काम करती है और इसका ज्ञान सार्वभौमिक है।
राष्ट्रपति पुतिन जब दिल्ली पहुंचे, तो प्रधानमंत्री मोदी खुद एयरपोर्ट पर उनके विमान के पास पहुंचे और गर्मजोशी से स्वागत किया। इस कदम ने दुनिया भर में चर्चा बटोरी। क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पीएम मोदी का विमान के पास जाना “अप्रत्याशित” था और रूसी अधिकारियों को इसकी पूर्व जानकारी नहीं थी। यह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की व्यक्तिगत दोस्ती और आपसी सम्मान को दर्शाता है, विशेषकर यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा है, जिसने वैश्विक नजरों को इस मुलाकात पर टिका दिया है।
स्वागत के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- “मुझे अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का दिल्ली में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। मैं आज शाम और कल हमारी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं। भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है; इससे हमारे लोगों को अपार लाभ हुआ है।” यह संदेश सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत-रूस की दशकों पुरानी रणनीतिक साझेदारी का प्रतिबिंब था।
भारत दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति पुतिन का औपचारिक स्वागत राष्ट्रपति भवन में किया जाएगा। इसके बाद वे राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं होंगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, और परमाणु सहयोग जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। कई बड़े उद्योगपति भी प्रतिनिधिमंडल वार्ता में शामिल हो सकते हैं।
शुक्रवार को दोनों नेता भारत-रूस बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे जहां दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर फोकस रहेगा। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में पुतिन शामिल होंगे। भोज के बाद राष्ट्रपति पुतिन मॉस्को के लिए रवाना हो जाएंगे, और दौरे का समापन होगा।
पुतिन की यह यात्रा और पीएम मोदी का गीता भेंट करना, दोनों देशों के राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक रिश्तों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को भी नई रोशनी देता है। यह मुलाकात बताती है कि भारत-रूस संबंध सिर्फ रणनीति पर नहीं, बल्कि गहराई से जुड़े विश्वास और परंपरा पर भी आधारित हैं।
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