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Why did EOW send notice to DK Shivakumar, what is the money related matter?
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EOW ने डीके शिवकुमार को क्यों भेजा नोटिस, क्या है पैसों से जुड़ा मामला?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 06 Dec 2025 04:38 AM IST
नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार को नोटिस भेजकर नई हलचल पैदा कर दी है। नोटिस में उनसे उनके धन, लेन-देन, दान और कांग्रेस पार्टी से जुड़ी फंडिंग की पूरी जानकारी देने को कहा गया है। EOW ने साफ शब्दों में कहा है कि उन्हें यह जानना जरूरी है कि पैसा कहां से आया, किसके निर्देश पर भेजा गया और अंततः इसका उपयोग किस तरह किया गया। यह नोटिस 29 नवंबर को जारी किया गया था, और सभी दस्तावेज 19 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया गया है।
जांचकर्ताओं ने शिवकुमार से उनके निजी वित्तीय बैकग्राउंड से लेकर कांग्रेस में उनकी भूमिका तक की विस्तृत जानकारी मांगी है। सबसे बड़ा सवाल दान के नाम पर आए पैसों को लेकर है कौन लोग थे जिन्होंने यह पैसा भेजा, भेजने का निर्देश किसने दिया और क्या शिवकुमार को यह पता था कि यह रकम आगे यंग इंडियन (Young Indian – YI) के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जो नेशनल हेराल्ड से जुड़ा हुआ संगठन है।
EOW ने यह भी पूछा है कि यदि शिवकुमार को इन लेन-देन की जानकारी थी, तो वे स्पष्ट करें कि पैसा कहां खर्च हुआ, किस उद्देश्य से भेजा गया और क्या इसके पीछे किसी तरह का राजनीतिक या संगठनात्मक दबाव था। एजेंसी का फोकस इस बात पर है कि क्या यह रकम किसी वैध दान का हिस्सा थी या इसके जरिए किसी प्रकार की आर्थिक अनियमितता की कोशिश की गई।
नेशनल हेराल्ड केस पिछले कई वर्षों से देश की राजनीति में विवाद का केंद्र रहा है। कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व से लेकर कई वरिष्ठ नेताओं का नाम इससे जुड़ता रहा है। अब दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की रफ्तार तेज करने के साथ मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। EOW का कहना है कि शिवकुमार द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज उनके अगले कदम को तय करेंगे। यदि वे समय पर दस्तावेज जमा नहीं करते हैं, तो जांच की दिशा और कठोर हो सकती है।
नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि दान देने की प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति और संस्था की जानकारी आवश्यक है। EOW यह भी समझना चाहती है कि दान की आड़ में जो पैसा भेजा गया, वह कहीं किसी बड़े ट्रांजैक्शन चेन का हिस्सा तो नहीं था। विशेष रूप से यंग इंडियन को भेजे गए पैसों का उद्देश्य, वहां इसका उपयोग और इससे जुड़े लोग, जांच का मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
19 दिसंबर की तारीख इस मामले में बेहद अहम मानी जा रही है। यह दिन तय करेगा कि शिवकुमार जांच में कितना सहयोग करते हैं। अगर दस्तावेज पूर्ण रूप से जमा किए जाते हैं, तो आगे की पूछताछ दस्तावेजों के आधार पर होगी। लेकिन यदि वे इसे नजरअंदाज करते हैं या अधूरी जानकारी देते हैं, तो जांच एजेंसी उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर विचार कर सकती है।
इस बीच कर्नाटक की राजनीति में भी इस नोटिस के बाद हलचल दिखाई दे रही है, क्योंकि शिवकुमार न केवल प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण पद पर हैं, बल्कि कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिक नेताओं में से भी हैं। जांच आगे किस दिशा में बढ़ती है, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।
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