Hindi News
›
Video
›
India News
›
Putin India Visit: You will get this gift from Putin during his visit to India, know what is special?
{"_id":"69326e55fce80986140e7e4a","slug":"putin-india-visit-you-will-get-this-gift-from-putin-during-his-visit-to-india-know-what-is-special-2025-12-05","type":"video","status":"publish","title_hn":"Putin India Visit: भारत दौरे पर पुतिन,किन मुद्दों पर होगी चर्चा, क्या मिलेगा खास ?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Putin India Visit: भारत दौरे पर पुतिन,किन मुद्दों पर होगी चर्चा, क्या मिलेगा खास ?
वीडियो डेस्क,अमर उजाला Published by: साहिल सुयाल Updated Fri, 05 Dec 2025 11:04 AM IST
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे। इस हाई-प्रोफाइल मुलाकात को रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत और रूस दोनों ही आने वाले वर्षों में रक्षा सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में हैं। इसमें खासकर एयर डिफेंस सिस्टम, संयुक्त सैन्य परियोजनाएं, लड़ाकू विमानन और हाई-टेक हथियारों के क्षेत्र में बड़े फैसले शामिल हो सकते हैं।
पुतिन की यात्रा से ठीक पहले रूस ने संकेत दिए कि भारत के साथ लड़ाकू विमानन के क्षेत्र में व्यापक सहयोग की गुंजाइश है। रूस की सैन्य-तकनीकी सहयोग से जुड़ी संघीय सेवा के निदेशक दिमित्री शुगायेव ने बताया कि दोनों देश सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। भारत पहले ही बड़ी संख्या में इन विमानों का उपयोग करता है, इसलिए इसका उन्नत संस्करण देश में ही तैयार करना रणनीतिक रूप से फायदेमंद होगा।
इसके साथ ही रूस ने एक और बड़ा प्रस्ताव रखा है भारत के साथ पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (5th Generation Fighter Jet) के संयुक्त विकास का। इस सहयोग में सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट के लाइसेंस प्राप्त उत्पादन की पेशकश भी शामिल है। सुखोई-57 दुनिया के उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमानों में गिना जाता है और भारत के लिए यह तकनीक भविष्य की वायु-शक्ति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। भारत और रूस के बीच आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम, अत्याधुनिक ड्रोन (UAVs) और एडवांस्ड एयर-टू-एयर मिसाइलों के संयुक्त उत्पादन पर भी बात आगे बढ़ सकती है। वर्तमान भू-राजनीतिक माहौल में भारत अपनी वायु क्षमता को तेज गति से अपग्रेड करना चाहता है ऐसे में रूस की तकनीक और भारत की उत्पादन क्षमता दोनों देशों को पारस्परिक लाभ दे सकती है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।