मध्य प्रदेश का खंडवा जिला जल संचय जन भागीदारी अभियान में मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में नंबर वन रहा है। इसको लेकर बीते माह प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव के द्वारा खंडवा जिले को सम्मानित भी किया गया था। इसके बाद भी लगातार खंडवा जिला प्रशासन अपनी पहचान को बनाए रखने के लिए कमरतोड़ मेहनत कर रहा है। इसी के चलते जहां एक ओर समाज के अलग-अलग वर्गों के साथ जिला कलेक्टर स्वयं मीटिंग लेकर उन्हें पानी बचाने को लेकर प्रेरित कर रहे हैं, तो वहीं वे खुद भी जिला मुख्यालय से निकलकर गांव गांव तक पहुंचकर, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी बारिश के पानी को संग्रहित करने को लेकर समझाइश देते नजर आ रहे हैं।
सभी पक्की छतों पर लगे रूफ वाटर हार्वेस्टिंग
खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि, जल संचय जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत ही जो अमृत संचय अभियान की शुरुआत की गई है। इसको लेकर सबसे पहले तो जिला प्रशासन का यही प्रयास रहेगा कि जिले की जितनी भी पक्की छते हैं, सभी पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग को आमजन की सहायता से इंस्टॉल करवाया जाए। इसके साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग के अलग-अलग स्ट्रक्चर वहां की जलवायु स्थितियों को देखकर किस तरह से हम बना सकते हैं, जैसे की खेत, तालाब, अमृत सरोवर, पुष्कर तालाब, डग आउट पॉन्ड यह सभी पर भी विचार किया जाएगा।
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भविष्य में नहीं झेलना होगी पानी की कमी
इसके साथ जिला कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि जिलेभर में गांव-गांव में जो जल समितियां बनाई जा रही हैं, उनको प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है कि उन्हें आने वाले समय में किस तरह से काम करना है । इस पूरे अभियान का लक्ष्य यही है कि हमारे गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में, और घर का पानी घर में ही हम लोग इस्तेमाल कर सकें। ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार से पीने के पानी की कमी खंडवा जिले को न झेलना पड़े।
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सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ हुई मीटिंग
यही नहीं, इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने बताया कि अमृत संचय अभियान के अंतर्गत हमारे समाज के जितने भी स्टेक होल्डर हैं, जिनमें चाहे हमारे ग्रामीण क्षेत्र की या शहरी क्षेत्र की जल समितियां हों, या हमारे इंजीनियर हों या समाज के विभिन्न वर्ग के अनुयाई हों, इन सभी को साथ लाने के उद्देश्य से जिले भर के जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स हैं, उनका आने वाले समय में पानी को बचाने को लेकर किस तरह से रोल रहने वाला है, इसको लेकर उनके साथ डिटेल में बातचीत कर उन्हें समझाइश दी गई है।