रूस के ऊफा में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे अलवर जिले के कफनवाड़ा गांव निवासी छात्र अजीत चौधरी का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह अलवर जिला अस्पताल पहुंचा। परिजन मॉस्को से लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद शव को अलवर लेकर आए, जहां पोस्टमार्टम के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।
अजीत 20 अक्तूबर से लापता था, जबकि 19 अक्तूबर को उसकी परिजनों से आखिरी बातचीत हुई थी। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया और वह संपर्क में नहीं आया। परिजन सोशल मीडिया और प्रशासनिक माध्यमों से उसकी खोज में लगे रहे। 6 नवंबर को रूस के ऊफा शहर में उसका शव मिला, जिसके बाद भारतीय और रूसी अधिकारियों ने औपचारिकताएं शुरू कीं।
28 दिनों की कागजी प्रक्रिया के बाद आया शव
रूस में पोस्टमार्टम के बाद शव को भारत भेजने में लंबा समय लगा। अजीत का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे दिल्ली पहुंचा, जहां से परिजन उसे अलवर जिला अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष मेडिकल बोर्ड की निगरानी में कराई जा रही है। कफनवाड़ा गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी अस्पताल पहुंचे। परिवार लगातार इस बात का इंतजार कर रहा है कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में मौत का कारण क्या सामने आएगा।
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शव लाने में देरी पर परिजनों का धरना, सरकार से हस्तक्षेप की मांग
अजीत के लापता होने से लेकर शव को भारत लाने तक की देरी से परिजन और ग्रामीण बेहद आहत थे। इस दौरान उन्होंने धरना-प्रदर्शन भी किया और प्रशासन से मांग की कि सरकार रूस से संपर्क कर प्रक्रिया को तेज कराए। कई दिनों की जद्दोजहद और प्रयासों के बाद अंततः शव भारत लाया जा सका।
अस्पताल परिसर में माहौल बेहद भावुक है। परिवार के सदस्यों की हालत बिगड़ रही है और सभी की निगाहें अब मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि रूस में अजीत के साथ क्या हुआ था।
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