आगामी 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांसवाड़ा में परमाणु बिजलीघर की आधारशिला रखने वाले हैं। इससे दो दिन पहले 23 सितंबर को भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में विस्थापितों और कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट में करीब तीन घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद सांसद ने विस्थापितों की 30 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई।
ये भी पढ़ें: Rajasthan News: दिल्ली अब दूर नहीं..., राजस्थान को तीन नई ट्रेनों की सौगात, पीएम मोदी करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि कलेक्टर ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली मांगों को हल करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि परमाणु बिजलीघर से जुड़े मुद्दों पर एनपीसीआईएल और स्थानीय नेताओं ने 50 लाख रुपए प्रति बीघा मुआवजा देने का माहौल बनाया लेकिन अंत में सिर्फ 7.68 लाख रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि माही बांध से विकास तो हुआ लेकिन कुशलगढ, आम्बापुरा और डूंगरपुर तक पानी नहीं पहुंचा और विस्थापितों को आज भी स्थायी ठिकाना नहीं मिला। रोत ने जोर देकर कहा कि उनकी मांगें वैध हैं और प्रशासन, सरकार और पीएम मोदी के आने पर विकास की झलक दिखाने वाले वीडियो नहीं बल्कि वास्तविक स्थिति जनता के सामने रखी जाए।
सांसद ने कांग्रेस नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि जो कांग्रेस के नेता बीजेपी के लिए काम करते हैं, उनके खिलाफ कड़ा विरोध है। प्रदर्शन में विधायक जयकृष्ण पटेल, हेमंत राणा और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। धरना प्रदर्शन के दौरान विस्थापितों ने हम हमारा हक मांगते हैं, किसी से भीख नहीं और मोदी सरकार होश में आओ, परमाणु बिजलीघर निरस्त करो, जैसे नारे लगाए और अपनी मांगें रखीं।
कलेक्ट्री में प्रदर्शन करते और कलेक्टर को ज्ञापन देते सांसद राजकुमार रोत। - फोटो : credit
कलेक्ट्री में प्रदर्शन करते और कलेक्टर को ज्ञापन देते सांसद राजकुमार रोत। - फोटो : credit
कलेक्ट्री में प्रदर्शन करते और कलेक्टर को ज्ञापन देते सांसद राजकुमार रोत। - फोटो : credit