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VIDEO: शिक्षा के प्रति बढ़ती ललक, सरकारी लाइब्रेरी में पहली बार 2363 बच्चे, कम पड़ गए संसाधन
बाराबंकी शहर में शिक्षा के प्रति बढ़ती ललक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर स्थित जिला पुस्तकालय में इस बार रिकॉर्ड संख्या में छात्रों ने सदस्यता ली है। वर्तमान में पहली बार यहां 2363 छात्रों ने नामांकन कराया, जिनमें करीब 55 फीसदी बेटियां शामिल हैं। पुस्तकालय की स्थिति यह है कि अब बच्चों के बैठने तक की जगह कम पड़ रही है। स्थिति को देखते हुए दो शिफ्टों में बैठने के निर्देश दिए हैं। एक तीसरा हाल भी बैठने के लिए दिया जाने लगा है।
कुछ साल पहले तक यह पुस्तकालय वीरान-सा पड़ा रहता था और गिने-चुने छात्र ही यहां आते थे। लेकिन सरकार की ओर से दो लग्जरी हॉल बनवाए जाने के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया। यहां पर बेंच, आरामदायक पंखे और पढ़ाई का बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया गया। इसके बाद छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ा और अब यहां हज़ारों की संख्या में बच्चे जुट रहे हैं।
जिला पुस्तकालय में अभ्युदय कोचिंग सेंटर और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। इससे साधारण पृष्ठभूमि के छात्रों को भी उच्च स्तर की तैयारी का मौका मिल रहा है। जहां शहर में निजी लाइब्रेरी हर महीने 800 से 1500 रुपये तक शुल्क ले रही हैं, वहीं जिला पुस्तकालय बहुत कम खर्च में बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रहा है। यहां 10,000 से अधिक किताबें मौजूद हैं।
कुशीनगर से आकर नीट की तैयारी कर रही जांहवी ने बताया कि अगर यहां बैठने का इंतजाम और हो जाय तो बेहतर हाेगा। छात्रा तेजस्वी ने भी कहा कि पढ़ाई का अच्छा माहौल है। बस संख्या अधिक होने से संसाधन कम पड़ रहे हैं। 1000 रुपये में आजीवन सदस्यता, प्रवेश जारी
अधीक्षिका डॉ. पूनम सिंह का कहना है कि छात्रों को मात्र 1000 रुपये जमा कर आजीवन सदस्यता दी जाती है। इसके अलावा सिर्फ 50 रुपये प्रतिमाह शुल्क लिया जाता है। यही वजह है कि छात्र-छात्राओं का रुझान लगातार बढ़ रहा है। हालांकि संख्या अधिक होने के बाद भी यहां प्रवेश रोका नहीं गया है। हम एक और हाल का प्रयोग कर रहे हैं।
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