राजधानी जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस हॉस्पिटल में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की सुविधा के लिए अलग से ओपीडी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि इस साल राजस्थान में भारी बारिश हुई है और जैसे ही बारिश थमेगी, मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा। पिछले वर्ष अस्पताल में अलग ओपीडी शुरू करने से मरीजों को काफी राहत मिली थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भी विशेष ओपीडी शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इस व्यवस्था से मौसमी बीमारियों के मरीजों और नियमित अन्य रोगियों दोनों को लाभ होगा। रूटिन ओपीडी में भीड़ कम होगी और मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
फिलहाल एसएमएस हॉस्पिटल में स्क्रब टाइफस के मरीज सबसे अधिक भर्ती हो रहे हैं। अगस्त माह में ही 240 से अधिक मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 86 मरीज आखिरी सप्ताह में भर्ती हुए थे। इनमें इलाज के दौरान चार मरीजों की मौत भी हुई। यह बीमारी खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में बारिश के मौसम में तेजी से फैलती है।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या इस समय अपेक्षाकृत कम है। अगस्त में एसएमएस में डेंगू के 33, चिकनगुनिया के 18 मरीज भर्ती हुए, जबकि मलेरिया का एक भी केस सामने नहीं आया। पूरे वर्ष में अब तक डेंगू से केवल एक मौत दर्ज की गई है।
यह भी पढ़ें- Rajasthan News: खेत सिंह की हत्या को लेकर जोधपुर में पर्यावरण प्रेमियों का प्रदर्शन, 'शहीद' दर्जा देने की मांग
राज्यभर में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त माह में डेंगू के 384 और मलेरिया के 182 से ज्यादा मरीज सामने आए। डेंगू के सबसे ज्यादा 46 केस अजमेर, 45 जयपुर और 33 अलवर में मिले। वहीं मलेरिया के 47 मरीज बाड़मेर और 21 जैसलमेर जिले में सामने आए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बरसात के बाद मरीजों की संख्या और बढ़ी, तो अलग ओपीडी मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए राहत का बड़ा कदम साबित होगी।
यह भी पढ़ें- Jaipur News: चुनावी हार पर भाजपा अध्यक्ष राठौड़ का तंज, कहा- मुंगेरी लाल के हसीन सपनों में खोए कांग्रेसी नेता