झुंझुनू के मूनबाग में देर रात खेल और राजनीति का अनोखा संगम देखने को मिला। यहां आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता के शुभारंभ मंच पर खेल से ज्यादा राजनीति के तेवर गरमाए रहे। इस मौके पर चर्चित समरावता थप्पड़ प्रकरण के आरोपी और पूर्व विधायक नरेश मीणा ने सत्ता और विपक्ष दोनों पर तीखा प्रहार किया।
मीणा ने कार्यक्रम में गुढ़ा परिवार को बेटे के जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान की मौजूदा परिस्थितियां बेहद विकट हैं। उनके मुताबिक सरकार कहीं नजर नहीं आती और विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनता असहाय और उपेक्षित महसूस कर रही है। कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार संघर्ष कर रहे हैं, मगर सत्ताधारी ऐसे लोगों को मुकदमों और जेल के जरिए दबाने का काम कर रहे हैं।
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मीणा ने अपने आठ महीने के जेल अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें तोड़ने की कोशिश की लेकिन वे कभी झुके नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था नाममात्र की रह गई है। हाल ही में झालावाड़ हादसे का उदाहरण देते हुए उन्होंने इसे संस्थागत भ्रष्टाचार का नतीजा बताया और कहा कि ऐसे मामलों ने राज्य की जनता का विश्वास हिला दिया है।
उन्होंने जनता से आह्वान किया कि अब समय की नजाकत को समझते हुए जागरूक और एकजुट होकर सड़कों पर उतरना होगा। यदि तानाशाही रवैया जारी रहा तो क्रांति जरूरी होगी। उन्होंने नेपाल और बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और जनक्रांतियों का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि सत्ता अगर जनता की आवाज को दबाएगी तो हालात विस्फोटक हो जाएंगे।
इस खेल आयोजन के मंच से नरेश मीणा ने एक बार फिर से अपनी बेबाक राजनीतिक शैली का परिचय दिया और साफ संदेश दिया कि राजस्थान की राजनीति में संघर्ष और आक्रामक तेवर आने वाले दिनों में और तेज हो सकते हैं।