कांग्रेस के पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने दमोह में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिशन अस्पताल और गंगा जमुना स्कूल को जानबूझकर बंद करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं के बंद होने से आम जनता को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर नुकसान हुआ है। मुकेश नायक ने कहा कि मिशन अस्पताल में इलाज के अभाव में करीब 30 लोगों की मौत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में लापरवाही बरती गई और फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एनजोन केम की वजह से मरीजों की जान गई। नायक ने कहा कि कई मरीजों को अब जबलपुर जाकर डायलिसिस करवाना पड़ रहा है।
पूर्व मंत्री ने गंगा जमुना स्कूल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले इस स्कूल पर धर्म परिवर्तन, छात्राओं को जबरन हिजाब पहनाने और धार्मिक ग्रंथ पढ़ाने के आरोप लगे थे। नायक ने कहा कि आरटीआई में जानकारी मिली कि पिछले 20 वर्षो में दमोह में कोई धर्मांतरण का मामला नहीं आया इसलिए स्कूल को बंद करना एक सोची-समझी साजिश है।
पढ़ें: विजिलेंस टीम ने रिश्वत मामले में डंडारी सीओ को गिरफ्तार किया, गिरफ्तारी से पहले वायरल हुआ वीडियो
मानव अधिकार आयोग पर भी साधा निशाना
मुकेश नायक ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो को भी निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की भूमिका में अनियमितता रही और जांच कराना जरूरी है। नायक ने कहा कि जनता के हित में इन दोनों संस्थाओं को दोबारा खोलने की कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में यह कदम सीधे गरीब और आम जनता को प्रभावित कर रहा है।