राजसमंद जिले में हुई झमाझम बारिश के बाद जल स्रोतों में न केवल तेजी से वृद्धि हुई है, बल्कि गोमती नदी का जल प्रवाह अब राजसमंद झील तक भी पहुंच गया है। इसी सिलसिले में जैसे ही गोमती नदी का पानी राजसमंद झील में समाया, पूरे शहर में हर्ष की लहर दौड़ गई। यह दृश्य न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि जनआस्था और संस्कृति से भी जुड़ा एक उल्लासपूर्ण क्षण बन गया।
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विधायक दीप्ति महेश्वरी ने किया गोमती मैया का पूजन
झील में गोमती नदी का पानी पहुंचने के अवसर पर राजसमंद विधायक दीप्ति महेश्वरी ने छप्पर खेड़ी गोमती पुलिया पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और गोमती मैया को चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया। विधायक ने इस दौरान श्रद्धाभाव से नदी की आरती उतारी और क्षेत्र की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। उनके साथ कई स्थानीय नागरिक और पार्टी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
छह दिन बाद राम दरबार डैम से पहुंचा पानी
जानकारी के अनुसार, गोमती नदी का उद्गम स्थल 'राम दरबार डैम' छह दिन पहले ओवरफ्लो हुआ था। इसके बाद नदी का जल बहाव लगातार आगे बढ़ता रहा और अब जाकर उसका पानी राजसमंद झील तक पहुंचा। यह घटना स्थानीय लोगों के लिए न सिर्फ जल संकट से राहत का संकेत है, बल्कि धार्मिक आस्था से भी गहराई से जुड़ी हुई मानी जाती है।
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राजसमंद झील की भराव क्षमता और महत्ता
राजसमंद झील की कुल भराव क्षमता 3735 एमसीएफटी है। यह झील जिला मुख्यालय और आसपास के गांवों की प्रमुख जल आपूर्ति स्रोत मानी जाती है। कृषि कार्यों और पेयजल की आपूर्ति दोनों ही इस झील पर निर्भर करते हैं। ऐसे में गोमती नदी का जल झील तक पहुंचना आगामी दिनों में जल संकट से निपटने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है।