आवारा हूं, आज फिर जीने की तमन्ना है, मेरा जूता है जापानी, जीना इसी का नाम है, दोस्त दोस्त ना रहा ये वो गाने हैं जो सदाबाहार रहेंगे। इन गानों को लिखने वाले गीतकार शैलेंद्र ने अपने 20 साल के सिने करियार में सैंकड़ो सुपरहिट गाने दिए लेकिन एक फिल्म ने उनकी जान ले ली। वो इतने टूट गए कि महज 43 साल की उम्र में ही वो इस दुनिया को अलविदा कह गए।
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